लखनऊ , दिसंबर 30 -- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है कि वर्ष 2026 उत्तर प्रदेश के लिए तकनीकी विकास के लिहाज से निर्णायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), टेक्नोलॉजी और डेटा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है और उत्तर प्रदेश भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था का मजबूत केंद्र बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था और सुशासन के चलते उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए भरोसेमंद राज्य बना है, जिससे 'ब्रांड यूपी' को देश और दुनिया में पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि लखनऊ और नोएडा में एआई सिटी विकसित करने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जेवर में करीब 3,700 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही सुरक्षित डेटा और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई प्रदेश की डेटा सेंटर नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
योगी ने कहा है कि प्रदेश में पांच हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क का व्यावसायिक संचालन शुरू हो चुका है और इस सेक्टर में लगभग 30,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौ शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए जा चुके हैं। ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 'एआई युवा' पहल के तहत प्रदेश के 10 लाख युवाओं को एआई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे वर्ष 2026 के लिए संकल्प लें और अपने आसपास के बच्चों को कंप्यूटर व एआई के प्रति जागरूक करें। साथ ही हर सप्ताह कम से कम एक घंटा 'ज्ञानदान' के लिए निकालें।
उन्होने विश्वास जताया कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से न केवल विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य हासिल होगा, बल्कि प्रदेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
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