पटना, सितंबर 29 -- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के गंभीर आरोपों का जवाब देते हुये कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये सभी आरोप निराधार और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर शिल्पी- गौतम हत्याकांड समेत सात लोगों की हत्या में संलिप्तता का दावा किया था और यह भी आरोप लगाया था कि उन्होंने नाबालिग होने का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर जेल से छुटकारा पाया।
प्रशांत किशोर का कहना है कि उस समय यह केस सीबीआई जांच के अधीन था, लेकिन लालू प्रसाद के दबाव में केस को बंद कर दिया गया, क्योंकि लालू प्रसाद के साले साधु यादव भी इस मामले में आरोपी थे और सम्राट चौधरी उनके करीबी माने जाते थे।
इन आरोपों पर पलटवार करते हुये सम्राट चौधरी ने कहा कि, 'हाजीपुर के एक आइसक्रीम बेचने वाले का नाम भी राकेश था। उसी से मेरी तुलना की जा रही है। प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति का कोई ज्ञान नहीं है।'उन्होंने कहा कि, 'वर्ष 1995 में लालू प्रसाद की सरकार ने उनके परिवार पर अत्याचार किया था। मेरे परिवार के 22 लोगों को जेल में डाला गया, घर के अनाज और कुएं में पेशाब किया गया। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमारे समर्थन में सात किलोमीटर पैदल मार्च किया था। मानवाधिकार आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया था और मुआवजा दिलवाया गया था।'उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने सवाल किया कि, 'प्रशांत किशोर को 14 करोड़ रुपये चंदा और 241 करोड़ रुपये मेहनताना कैसे और क्यों मिला।' उन्होंने कहा कि, 'अगर वह राजनीति में नहीं थे, तब ये पैसे क्यों नहीं लिये? अब राजनीति में आकर उन्हें इसका हिसाब देना होगा। पटना में 32 करोड़ की जमीन कैसे खरीदी गई और सेल कंपनी से 10 करोड़ रुपये का चंदा कैसे मिला, इसकी जांच होनी चाहिये।'उन्होंने कहा कि जनता सबका हिसाब लेगी और राज्य में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनेगी।
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