उमरिया, सितंबर 26 -- मध्यप्रदेश के उमरिया जिला उपभोक्ता न्यायालय ने अनुचित व्यापार प्रथा अपनाने के आरोप सिद्ध होने पर देश की नामी खाद्य उत्पादक कंपनी हल्दीराम नागपुर पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि यदि शिकायतकर्ता क्षतिपूर्ति राशि लेने से इनकार करता है, तो यह राशि वृद्धा आश्रम को दी जाए।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष श्यामाचरण उपाध्याय की अदालत में कैंप निवासी राकेश दर्दवंशी ने यह वाद दायर किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने उमरिया के एक दुकानदार से हल्दीराम का 400 ग्राम वजन का नमकीन पैकेट खरीदा, लेकिन जांच में उसमें मात्र 333 ग्राम ही नमकीन निकला। पैकेट में दर्ज वजन से कम मात्रा मिलने के बाद उपभोक्ता ने दुकानदार, डीलर और कंपनी को इसकी जानकारी दी, किंतु किसी ने जवाब नहीं दिया।
शिकायतकर्ता ने सभी दस्तावेजों और खरीदी के बिल के आधार पर अधिवक्ता के माध्यम से मामला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने हल्दीराम कंपनी को अनुचित व्यापार प्रथा का दोषी मानते हुए बैच नंबर के आधार पर देशभर के हजारों उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने का दोषी ठहराया और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
दिलचस्प पहलू यह रहा कि शिकायतकर्ता राकेश दर्दवंशी ने खुद क्षतिपूर्ति की रकम लेने से इनकार करते हुए उसे किसी सामाजिक संस्था को दान करने की इच्छा जताई। इस पर न्यायालय ने अपने आदेश में उक्त राशि वृद्धा आश्रम को देने का निर्देश दिया।
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