दंतेवाड़ा , दिसंबर 27 -- छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने किरंदुल स्थित उद्यानिकी नर्सरी का निरीक्षण कर वहां संचालित गतिविधियों, पौध उत्पादन, रख-रखाव व्यवस्था एवं भविष्य की संभावनाओं का विस्तृत अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा कि नर्सरी को केवल पौध उत्पादन तक सीमित न रखते हुए इसे आय सृजन का प्रभावी केंद्र बनाया जा सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति से पौधों का उत्पादन, बेहतर प्रबंधन और बाजार की मांग के अनुरूप प्रजातियों का चयन आवश्यक है।
कलेक्टर कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, नर्सरी में ग्राफ्टेड (कलमी) पौधों का उत्पादन बढ़ाया जाए, ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण और रोगमुक्त पौधे समय पर उपलब्ध हो सकें। इसके साथ ही नर्सरी में उपलब्ध खाली स्थानों का बेहतर उपयोग करते हुए नेपियर घास जैसे उन्नत पशु चारे की खेती करने पर भी जोर दिया गया। इससे क्षेत्र के जरूरतमंद पशुपालकों को नर्सरी के माध्यम से पशु चारा उपलब्ध कराया जा सकेगा और नर्सरी की आय में भी वृद्धि होगी।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के तत्वावधान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे माली युवाओं से संवाद किया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए तकनीकी ज्ञान का उपयोग अपने घरों और बाड़ियों में अवश्य करें, ताकि व्यावहारिक अनुभव के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि नर्सरी से होने वाली आय से विभागीय गतिविधियों को और सशक्त किया जा सकता है, साथ ही इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
श्री कुमार ने अधिकारियों को नर्सरी प्रबंधन में नवाचार अपनाने, किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देने तथा स्थानीय जलवायु के अनुकूल फलदार एवं व्यावसायिक पौधों की नर्सरी विकसित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कृषि, उद्यानिकी विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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