उदयपुर , दिसम्बर 19 -- राजस्थान में स्वयं सेवी संस्था मां माय एंकर फाउण्डेशन द्वारा आयोजित उदयपुर टेल्स इंटरनेशनल कहानी वाचन उत्सव के तहत शुक्रवार को यहां छठी वार्षिक कहानी वाचन प्रतियोगिता आयोजित की गयी।

फाउण्डेशन की संस्थापक सुष्मिता सिंघा ने शुक्रवार को बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों के लिए आकर्षक गतिविधियों के माध्यम से कहानी कहने की समृद्ध मौखिक परंपरा का उत्सावहर्धन और संरक्षण करना था। पिछले छह वर्षों में यह प्रतियोगिता उदयपुर टेल्स की एक प्रमुख पहल बन गई है, जो लगातार युवा प्रतिभाओं को कहानी कहने को एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति के रूप में खोजने के लिए प्रेरित करती है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में उदयपुर के प्रमुख विद्यालयों से उत्साही भागीदारी देखी गई, जो कहानी कहने को एक कला के रूप के शहर की बढ़ती रुचि को दर्शाता है। प्रतियोगिता में विद्या भवन स्कूल, सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दोनों शाखाएं, दिल्ली पब्लिक स्कूल, द जूनियर स्टडी, द सीनियर स्टडी, सैफी स्कूल, नीरजा मोदी स्कूल, महाराणा मेवाड़ विद्या मन्दिर स्कूल ने भाग लिया।

प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां-युवा प्रतिभागियों ने विचारपूर्वक तैयार की गई कहानियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत की, जो मजबूत सांस्कृतिक जड़ों और अर्थपूर्ण जीवन पाठों को दर्शाती हैं। कार्यक्रम में न केवल मेवाड़ की बहादुरी से जुड़ी लोकप्रिय कथाएं शामिल थीं, बल्कि शेक्सपियर के नाटकों से प्रेरित कहानियां भी थीं। कई बच्चों ने ईमानदारी, दया, साहस और सहानुभूति जैसे मूल्यों को उजागर करने वाली नैतिक कहानियां सुनाईं, जबकि अन्य ने रामायण और महाभारत जैसे भारतीय महाकाव्यों के अंशों को भावपूर्ण प्रस्तुति और अच्छी तरह से योजनाबद्ध रंगमंच की सामग्री के साथ जीवंत किया। कई कहानियां रोजमर्रा की जिंदगी से प्रेरित थीं, जो किसानों, जानवरों, प्रकृति और सरल लेकिन शक्तिशाली जीवन पाठों पर केंद्रित थीं, जो प्रस्तुतियों को संबंधित और प्रभावशाली बनाती थीं।

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