लखनऊ , दिसम्बर 1 -- उत्तर प्रदेश के इंटर्न चिकित्सकों के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लेकर नेशनल मेडिकोज़ ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अन्य राज्यों की तर्ज पर मानदेय समतुल्य किए जाने की अपील की है।
संगठन ने कहा है कि इंटर्न डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और वास्तविक स्वास्थ्य ढांचे का संचालन उन्हीं के कंधों पर टिका होता है, ऐसे में उनके मानदेय में वृद्धि समय की जरूरत है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में एनएमओ ने कहा कि इंटर्न चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों और संबंधित अस्पतालों में प्रशिक्षण के दौरान अत्यावश्यक सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें इमरजेंसी, ओपीडी, वार्ड ड्यूटी, प्रसूति-सेवाएँ, गहन चिकित्सा, महामारी प्रबंधन और अन्य विभागीय कार्य शामिल हैं। ऐसे में कम मानदेय के कारण उन्हें आर्थिक व मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है।
पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में इंटर्न चिकित्सकों को 12,000 प्रति माह मानदेय दिया जाता है, जो देश के कई राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है। एनएमओ ने कहा कि बढ़ती महंगाई, आवास, भोजन, परिवहन और अध्ययन से जुड़ी आवश्यकताओं के चलते यह मानदेय पर्याप्त नहीं है।
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