देहरादून , अक्टूबर 26 -- उत्तराखण्ड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एक नया उपकर "ग्रीन सेस" लागू करने की घोषणा की है।
यह हरित उपकर या ग्रीन सेेस, अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर वसूला जाएगा। इसमें इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, सोलर और बैटरी वाहनों को छूट दी जाएगी। इससे राज्य को लगभग 100 करोड़ रुपये की सालाना आय होने का अनुमान है। इससे प्राप्त धनराशि वायु प्रदूषण नियंत्रण, हरित अवसंरचना और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन पर खर्च होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार इसकी जानकारी देते हुए कहा, "उत्तराखण्ड के 25 वर्ष पूरे होने पर यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषण-मुक्त बनाएँ।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि देहरादून में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़क की धूल 55 फीसदी है, जबकि वाहन उत्सर्जन सात फीसदी भी एक प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि ग्रीन सेस से सड़क धूल नियंत्रण और स्वच्छ वाहन नीति अपनाना शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने का सबसे प्रभावी कदम होगा।
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