श्रीनगर , अक्टूबर 03 -- जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उत्तराखंड से लेकर लद्दाख और सीमा पार कश्मीर में युवाओं का प्रदर्शन विद्रोह नहीं बल्कि अस्तित्व की पुकार है।

सुश्री महबूबा ने कहा कि जिन युवाओं ने कड़ी मेहनत की, लगन से पढ़ाई की और नियमों का पालन किया है, वे अब अपने भविष्य के वादों को खत्म होता देख सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ''एक्स'' पर अपने एक पोस्ट में लिखा कि वे सिर्फ प्रदर्शन नहीं कर रहे बल्कि वे सत्ता का सामना कड़वे सच से कर रहे हैं क्योंकि जिस व्यवस्था पर उन्हें भरोसा रखने को कहा गया था वही उन्हें अब निराश कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं का संघर्ष दिल टूटने के प्रतिरोध में बदलने का एक तरीका है।

सुश्री महबूबा ने कहा कि यह महज शोर नहीं है। यह दिल टूटने का प्रतिरोध है। यह एक विद्रोह नहीं बल्कि अस्तित्व की पुकार है। वे अब पूछ नहीं रहे। वे अपना हक- जवाबदेही, न्याय, अवसर और गरिमा मांग रहे। यह हमारे देश भारत और यहां तक कि पड़ोसी पाकिस्तान के लिये भी एक चेतावनी है।

उल्लेखनीय है कि लद्दाख में पिछले हफ्ते पूर्ण राज्य के दर्जे और संवैधानिक अधिकारों की बहाली को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए। जिसमें चार लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गये। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक के बाद उत्तराखंड में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।

पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भी भोजन, बिजली और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं पर सब्सिडी की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इसमें तीन पुलिसकर्मी समेत 10 लोग मारे गये।

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