हरिद्वार , नवंबर 14 -- उत्तराखंड के हरिद्वार में अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन और सरकार जहां पूरी गति से जुटे हैं, वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बीते दिनों नाराजगी ने मेले की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे लेकिन मेला प्रशासन की तुरंत सक्रियता के बाद हालात तेजी से बदल गए और अखाड़ा परिषद ने अपने पहले बयान से कदम पीछे खींचते हुए नया रुख अपनाया है।

शुक्रवार सुबह जूना अखाड़े में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और महामंत्री महंत हरिगिरि महाराज ने मीडिया से कहा कि अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से अखाड़ों को कोई औपचारिक निमंत्रण या प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि नासिक कुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं, जबकि उत्तराखंड सरकार की चुप्पी से साधु-संतों में निराशा का भाव है।

महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि सरकार को समय रहते संवाद स्थापित करना चाहिए था, वहीं महामंत्री हरिगिरि महाराज ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव आता है तो सभी अखाड़े हरिद्वार अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियों में पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि साधु-संतों के बिना कुंभ का आयोजन अधूरा है, इसलिए जल्द समन्वय ज़रूरी है। अखाड़ा परिषद की नाराजगी की खबर मिलते ही मेला प्रशासन सक्रिय हो गया। आनन-फानन में अपर मेलाधिकारी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और महामंत्री से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद माहौल बदल गया और अखाड़ा परिषद की ओर से नया बयान जारी किया गया।

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