देहरादून , दिसंबर 25 -- उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति बढ़ रही अभद्रता, आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा पर गहरी चिन्ता जतायी है।
उन्होंने गुरुवार को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ से फोन पर बात करके सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक, अश्लील और भ्रामक सामग्री पर तत्काल संज्ञान लिए जाने की अपेक्षा की है। इसके अलावा उन्होंने ऐसी सामग्री के प्रसार में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कठोर और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने को भी कहा है।
आयोग की अध्यक्ष का कहना है कि आज भारत की बेटियों का राजनीति, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका सहित समाज के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है।
यह केवल महिलाएं सशक्तिकरण का प्रमाण नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का भी परिचायक है। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से नीती निर्माण अधिक संवेदनशील, समावेशी और समाजोन्मुख बन रहा है।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सभ्रांत, शिक्षित और संस्कारवान परिवारों के युवक युवतियों को राजनीति व सार्वजनिक जीवन में आगे आना चाहिए।
राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण का दायित्व है। जब योग्य और नैतिक युवा राजनीति में प्रवेश करते हैं, तभी लोकतांत्रिक संस्थाएँ सुदृढ़ होती हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग के लिए यह गहरी चिंता का विषय है कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया जैसे मंचों पर महिला हो या पुरुष अभद्र, आपत्तिजनक और मर्यादाहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित