देहरादून , नवम्बर 14 -- उत्तराखण्ड पुलिस की सीबीसीआईडी ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए अंतर्राष्ट्रीय समन्वय से राज्य के लम्बे समय से फरार 50 हजार के इनामी वांछित अपराधी जगदीश पुनेठा को दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
अभियुक्त पर विभिन्न फर्जी निवेश योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने, संगठित गिरोह बनाकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने तथा अनेक आपराधिक प्रकरणों में संलिप्त रहने के गंभीर आरोप हैं।
राज्य के अपर महानिदेशक (एडीजी), कानून एवं व्यवस्था वी मुरुगेशन ने शुक्रवार को बताया कि पिथौरागढ़ निवासी वादी लीलाधर पाटनी ने आरोपी जगदीश पुनेठा, ललित पुनेठा, चन्द्र प्रकाश पुनेठा निवासी सिलपाटा, पिथौरागढ़ तथा पंकज शर्मा निवासी झारखंड के विरुद्ध निर्मल बंग कमोडिटी में निवेश का झांसा देकर आठ लाख रुपए की धोखाधड़ी किए जाने पर कोतवाली पिथौरागढ़ में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 504, 120B एवं तीन यूपीआईडी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि विवेचना उपरांत ललित पुनेठा एवं पंकज शर्मा को गिरफ्तार कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया, जबकि लगातार फरार रहने पर आराेपी जगदीश पुनेठा के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई की गई तथा चार जुलाई 2024 को मफरूरी में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। उन्होंने बताया कि जगदीश पुनेठा के विरुद्ध शेयर बाजार, निर्मल बंग कमोडिटी, रॉयल पैन्थर प्रा. लिमिटेड, मात्रछाया आभूषण प्रा. लिमिटेड आदि में निवेश कराने के नाम पर अनेक लोगों से धोखाधड़ी के मामले थाना पिथौरागढ़ एवं थाना जाजरदेवल में पंजीकृत हैं। इसी क्रम में संगठित गिरोह बनाकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करने पर 16 जनवरी 2023 को एक अन्य रिपोर्ट संख्या 11/2023, धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट अंतर्गत अभियोग दर्ज किया गया था।
श्री मुरुगेशन ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि दर्ज रिपोर्ट की विवेचना सीबीसीआईडी, सेक्टर हल्द्वानी के निरीक्षक प्रताप सिंह नेगी द्वारा की जा रही है। विवेचना में खुलासा हुआ कि आराेपी जगदीश पुनेठा एवं उसके सहयोगियों ने लगभग 15 लाख 17 हजार 30 हजार रुपये की धोखाधड़ी की। जबकि कुल दो करोड़, 22 लाख, 40 हजार 463 की चल-अचल संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ पुलिस के तकनीकी एवं मैनुअल इनपुट के आधार पर अभियुक्त के दुबई में छिपे होने की पुष्टि हुई। इसके मद्देनज़र सीबीसीआईडी ने सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से समन्वय स्थापित कर रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया। उन्होंने बताया कि इसी आधार पर एनसीबी आबुधाबी (इंटरपोल) की सहायता से अभियुक्त को दुबई में गिरफ्तार किया गया।
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