लखनऊ , अक्टूबर 05 -- उत्तर प्रदेश में सात अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकी जयंती भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी।

इस दिन प्रदेशभर के देव मंदिरों और महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में रामायण पाठ, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, दीप प्रज्ज्वलन और दीपदान शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि फील्ड स्तर पर जनसहभागिता और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि आयोजन जनपद, तहसील और विकासखंड स्तर पर किए जाएं ताकि समाज के सभी वर्ग इसमें शामिल हो सकें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि, प्रकाश और सुरक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर (चित्रकूट) में राज्य स्तरीय वृहद आयोजन किया जाएगा। उपनिदेशक (पर्यटन) आर.के. रावत को कार्यक्रम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11 बजे महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से होगा। इसके बाद संस्कृत के विद्यार्थियों द्वारा रामायण पाठ और दयाराम रैकवाड़ एवं उनकी टीम की ओर से भक्ति-सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। आयोजन में पूजन, हवन, वाल्मीकि रामायण पाठ, लव-कुश प्रसंग और अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी होंगे। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी और आमजन की भागीदारी रहेगी।

मुख्य कार्यक्रम के अलावा अयोध्या, प्रयागराज, बिठूर (कानपुर), श्रावस्ती, राजापुर (चित्रकूट) सहित पूरे प्रदेश में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर विशेष आयोजन होंगे। वहीं योगी सरकार ने इस वर्ष भी स्थानीय कलाकारों को मंच देने की परंपरा जारी रखी है। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समिति ने चयनित मंदिरों व स्थलों पर प्रदर्शन के लिए कलाकारों का चयन कर लिया है। इन कार्यक्रमों का समन्वय संस्कृति विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जिला पर्यटन कार्यालय और संस्कृति परिषद संयुक्त रूप से करेंगे।

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