भुवनेश्वर , अक्टूबर 17 -- उड़ीसा उच्च न्यायालय ने विज्ञप्ति अधिसूचना की शर्तों का पालन नहीं करने पर उड़ीसा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित हिंदी शिक्षक भर्ती परीक्षा शुक्रवार को रद्द कर दी।

न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुये सवाल किया, "आयोग से इतनी गंभीर गलती कैसे हो सकती है जो सरकारी नौकरियों में चयन एवं रोजगार के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"ओडिशा सरकार में ग्रुप-बी एवं ग्रुप-सी के पदों पर भर्ती करने वाले आयोग को भर्ती अधिसूचना में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिए फटकार लगाते हुए, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दीक्षित कृष्ण श्रीपाद की एकल पीठ ने फैसला सुनाया, "हिंदी शिक्षकों के 711 पदों के लिए चयन प्रक्रिया रद्द की जाती है और लिखित मुख्य परीक्षा से पहले प्रारंभिक परीक्षा कराई जानी है।"आदेश में कहा गया है कि जहां तक हिंदी शिक्षकों के पदों का संबंध है, आयोग भर्ती विज्ञापन के अनुसार तीन महीने की अवधि में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करेगा।

इन पदोें के लिये 15 मई को लिखित मुख्य परीक्षा आयोजित की गयी थी। यह परीक्षा 150 अंकों की थी जिसमें से 20 अंक शिक्षाशास्त्र एवं बहुविकल्पीय प्रश्न के लिए निर्धारित थे जबकि 21 से 150 अंकों तक के प्रश्न हिंदी विषय से संबंधित थे और उनके बहुविकल्पीय उत्तर केवल हिंदी में ही थे।

गौरतलब है कि भर्ती अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि अगर आवेदन संख्या अधिसूचित रिक्तियों से पांच गुना अधिक होगी तो प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके अलावा इच्छुक अभ्यर्थियों को द्विभाषी सुविधा अर्थात् अंग्रेजी और हिंदी में भी सवाल उपलब्ध कराये जाने थे लेकिन उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक होने के बावजूद न तो प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करायी गयी और न ही उन्हें प्रश्नों का अंग्रेजी रूपांतरण उपलब्ध कराया गया।

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