नयी दिल्ली , अक्टूबर 21 -- 'उड़ान' (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के मंगलवार को नौ साल पूरे हो गये और अब तक 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों ने सस्ती हवाई यात्रा का लाभ उठाया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2016 को 'उड़ान' योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत 27 अप्रैल 2017 को पहली फ्लाइट शुरू हुई थी। इस योजना का लक्ष्य ऐसे हवाई अड्डों को देश के हवाई नेटवर्क से जोड़ना था जहां से सप्ताह में 14 से कम उड़ानों का संचालन हो रहा था। इसमें ऐसे हवाई अड्डे भी शामिल थे जहां से कोई नियमित उड़ान उपलब्ध नहीं थी।
क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) 'उड़ान' के तहत आरसीएस सीटों पर होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार हर्जाना देती है। निविदा में सबसे कम हर्जाने की मांग करने वाली एयरलाइंस को रूटों का आवंटन किया जाता है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज बताया कि योजना के तहत अबतक 76 हवाई अड्डों और 15 हेलीपोर्ट से उड़ानें शुरू की गयी हैं। इसके अलावा दो वाटर एयरोड्रम की भी शुरुआत की गयी है।
मंत्रालय ने बताया कि अब तक 3,22,851 उड़ानों का संचालन किया गया है और 1.56 करोड़ से अधिक घरेलू यात्री 'उड़ान' के तहत यात्रा कर चुके हैं। विमान सेवा कंपनियों को हर्जाने के तौर पर 4,314.82 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है।
योजना के तहत सप्ताह में 14 से कम उड़ानों वाले हवाई अड्डों के पुनर्विकास के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 4,500 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इसके अलावा व्यय वित्त समिति ने देश में 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रम के लिए 1,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। इसमें से 31 अगस्त 2025 तक 4,638.41 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
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