लखनऊ , नवंबर 25 -- उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में 9149 अदालतों के गठन मामले में उच्च न्यायालय प्रशासन समेत राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है।

न्यायालय ने कहा कि प्रमुख सचिव विधि/ विधि परामर्शी, अपर मुख्य सचिव वित्त अपने अलग-अलग हलफनामे दाखिल करके इन अदालतों के गठन के लिए हुई प्रगति बताएं। अदालत ने मामले को पहले दिए गए आदेश के तहत 26 नवंबर को सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश प्रदेश में 9149 अदालतों के गठन मामले में इसी वर्ष स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज कराई गई जनहित याचिका पर दिया। इससे पहले अदालत ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामे में 9149 अदालतों के गठन मामले में पहले दिए गए आदेश के तहत हुई प्रगति का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया था। इसके तहत, प्रमुख सचिव विधि/ विधि परामर्शी ने पिछली सुनवाई पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया था।

हलफनामे में कहा गया कि प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के जिलों में 9149 अदालतों का गठन चरणबद्ध तरीके से करने का निर्णय लिया गया है। इसमें, पहले चरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन के 402 और सिविल जज जूनियर डिवीजन के 601 पद सृजित किए जाने हैं।

इसी तरह हलफनामे में प्रमुख सचिव वित्त ने कहा कि इस निर्णय के तहत पहले चरण में करीब 900 अदालतें गठित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है। इस पर अदालत ने उच्च न्यायालय प्रशासन समेत राज्य सरकार के दोनों आला अफसरों से अगली सुनवाई से पहले अपने हलफनामों पर प्रगति का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया था।

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