नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री एवं द्रमुक नेता वी. सेंथिल बालाजी की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
बालाजी ने अप्रैल 2025 में मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने वाले पूर्व आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आवेदन पर सुनवाई की और पाया कि न्यायमूर्ति अभय एस. ओका (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से 28 अप्रैल को पारित आदेश में केवल अदालत में दी गई दलीलें दर्ज की गई थीं और बालाजी को मंत्री बनने से नहीं रोका गया था।
पीठ ने हालांकि चेतावनी दी कि अगर बालाजी फिर से मंत्री बनते हैं तो अदालत उनकी जमानत रद्द करने पर विचार करेगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की, "यह न्यायालय की सोच का प्रतिबिंब है। न्यायालय ने आपको मंत्री बनने से नहीं रोका है लेकिन अगर आप मंत्री बनेंगे और अगर यह पाया गया कि पहले आपने गवाहों को प्रभावित किया था तो हम आपकी ज़मानत रद्द कर देंगे।"बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अगर गवाहों को प्रभावित करने का कोई मामला साबित होता है तो जमानत रद्द की जा सकती है।
पीठ ने जवाब दिया कि ऐसे आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं। श्री सिब्बल ने स्पष्ट किया कि अगर किसी भी समय यह पाया जाता है कि बालाजी ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं तो अदालत आदेश वापस ले सकती है। उन्होंने आगे कहा कि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है।
पीठ ने कहा कि बालाजी को लंबे समय तक कारावास में रहने के कारण जमानत मिली थी और कहा कि स्पष्टीकरण के लिए उनकी याचिका में प्रभावी रूप से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी।
पीठ ने आवेदन को गलत बताते हुए बालाजी को बिना शर्त इसे वापस लेने का सुझाव दिया। इसके बाद याचिका को वापस लिया हुआ मानकर इसे खारिज कर दिया गया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि यह अच्छे विचार का नहीं है क्योंकि यह न्यायमूर्ति ओका की सेवानिवृत्ति के बाद दायर किया गया जिन्होंने बालाजी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी।
श्री मेहता ने कहा, "अदालत ने अप्रैल में उन्हें दो विकल्प दिए थे या तो इस्तीफ़ा देकर जेल से बाहर रहें या फिर वापस जेल जाएं। ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया था।"बालाजी पर परिवहन मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में मुकदमा चल रहा है। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया था।
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