लखनऊ , अक्टूबर 28 -- संतान प्राप्ति,जनकल्याण और सुख समृद्धि की मंगलकामना के साथ लोक आस्था का महापर्व 'छठ' उगते हुये सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हो गया।
वाराणसी,प्रयागराज,जौनपुर,देवरिया,भदोही,संतकबीरनगर,बलिया,बस्ती,गोरखपुर,लखनऊ,कानपुर और नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य इलाकों में चार दिवसीय छठ पर्व पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। मंगलवार भोर से ही नदी,सरोवर, तालाब और नहरों के तट पर व्रतधारियों की भारी भीड़ जमा हो चुकी थी। महिला,पुरुष,वृद्ध और बच्चे तट पर उगते सूर्य का इंतजार करते दिखे और लालिमा लिये सूर्य भगवान के दर्शन करने साथ व्रतधारियों ने अर्घ्य देना शुरु किया और अर्घ्य के साथ ही उनकी 36 घंटे का व्रत भी पूरा हो गया। इस दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये थे। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये पुलिस के जवान और गोताखोर घाटों और तटों पर मौजूद रहे।
प्रयागराज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चार दिवसीय छठ पूजन समारोह के अंतिम दिन मंगलवार को सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पण करने के लिए लाखों महिलाएं प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर पहुंची और अर्घ्य देने के बाद उन्होंने अपना व्रत तोड़ा। प्रयागराज में इस पूजा का एक विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है क्योंकि यहां पर दो अलग-अलग नदियों का मिलन होता है जिस वजह से इसकी पौराणिकता और इसकी धार्मिक महत्व में काफी अधिक महत्व बढ़ जाता है।
वाराणसी में अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर आस्थावानों का अद्भुत संगम दिखाई पड़ा। रात्रि में हुई बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु छठी मइया की आराधना को संकल्पित दिखे। जौनपुर में आदि गंगा गोमती के हनुमान घाट, प्रतिमा विसर्जन घाट गोपीघाट समेत विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब व जलाशयों में भी उदय होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र और पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ ने मंगलवार की अल सुबह नाव पर सवार होकर व्यवस्था का जायजा लिया।
छठ महापर्व मनाने के लिए नोएडा सेक्टर 94 स्थित यमुना नदी के कई किलोमीटर घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब एकत्रित हुआ।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी के साथ ही एनडीआरएफ की टीमें लगातार गश्त कर रही थीं। भोर में भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए घाटों पर उचित प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। सुबह छह बजकर 30 मिनट पर लाखों श्रद्धालुओं एवं व्रतियों ने अपने अपने छठ पूजा स्थल से कुंड और घाट में उतर जल पर खड़े होकर हाथ में लिए सूप में रखे प्रसाद और जल एवं दुग्ध से विधि विधान पूजा अर्चना की।
अयोध्या में छठ महापर्व की धार्मिक आभा चरम पर दिखी। खराब मौसम और हल्की बूंदाबूंदी के बावजूद व्रतियों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। सरयू तट और गुप्त हरि घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए, जहां उगते सूर्य को अर्घ्य देने का पावन दृश्य श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से ओत-प्रोत दिखाई दिया। नयाघाट, जानकीघाट, लछमनघाट, रामघाट और गुप्तारघाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालु सरयू स्नान कर सूर्यदेव की उपासना में लीन रहे। पारंपरिक गीतों और पूजा-सामग्री से सजे घाटों पर आस्था का ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।
अयोध्या में छठ महापर्व की धार्मिक आभा चरम पर दिखी और आज भोर में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही उत्सव पूर्वक मनाया जाने वाला छठ पर्व धूमधाम से सम्पन्न हो गया। खराब मौसम और हल्की बूंदाबूंदी के बाद भी छठ व्रतियों का उत्साह चरम पर है और उल्लास देखने लायक था। सरयू तट और गुप्त हरि घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए, जहां उगते सूर्य को अर्घ्य देने का पावन दृश्य श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से ओत-प्रोत दिखाई दिया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में निर्जला व्रत रखकर भगवान सूर्य और छठी मैया से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। नयाघाट, जानकीघाट, लछमनघाट, रामघाट और गुप्तारघाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालु सरयू स्नान कर सूर्यदेव की उपासना में लीन रहे। पारंपरिक गीतों और पूजा-सामग्री से सजे घाटों पर आस्था का ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।
बहराइच के झिंगहा घाट, गोलवा घाट, चित्तौरा झील सहित विभिन्न घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। छठव्रती महिलाएँ नए वस्त्रों में सिर पर पूजा सामग्री लिए घाटों पर पहुँचीं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। देर रात्रि से ही मौसम ख़राब रहा। हल्की बूंदा बांदी के बीच व्रती महिलाओं नें सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूर्ण किया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित