नयी दिल्ली , अक्टूबर 13 -- कर्मचारी पेंशन योजना-95 (ईपीएस-95) राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने सेवानिवृत्त श्रमिकों की मांगों को पूरा करने आश्वासन दिया है।

समिति के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी राजीव भटनागर ने एक विज्ञप्ति में बताया कि संघर्ष समिति के सदस्यों ने राजधानी के ईस्ट किदवई नगर स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इससे पहले श्री मांडविया ने समिति के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है और शीघ्र ही उन्हें पूरा जायेगा।

संघर्ष समिति ईपीएफ-95 के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये किए जाने की मांग कर रही है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्रम मंत्री ने समिति के पदाधिकारियों को आगे की बातचीत के लिए मंगलवार को मंत्रालय में बुलाया है। समिति ने ईपीएफओ के केन्द्रीय न्यास बोर्ड की बेंगलरू में होने वाली बैठक के दौरान विशाल प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। उसके बाद 13-15 अक्टूबर तक होने वाली इस बैठक की जगह बदल कर नयी दिल्ली कर दी गयी है।

गौरतलब है कि देशभर के केंद्र/ राज्य सरकार के सार्वजानिक उपक्रमों,सहकारी/ निजी संस्थानों एवं मीडिया संस्थानों के 78 लाख पेंशनभोगी न्यूनतम पेंशन बढ़ाने, इसके साथ उसमें महंगाई क्षतिपूर्ति के साथ साथ और पेंशधारियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी दिये जाने की मांग कर रहे हैं।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने धरना स्थल पर कहा कि तीस से पैंतीस वर्ष सेवाकाल के दौरान पेंशन अंशदान देने पर भी मामूली पेंशन के कारण आर्थिक बदहाली झेल रहे 200-250 पेंशनभोगी प्रतिदिन असमय काल का ग्रास बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के पास काफी धन होने के बावजूद अभी तक पेंशन नहीं बढ़ायी गयी है। सरकार द्वारा यदि पेंशनरों की मांगे अतिशीघ्र पूरी नहीं की जाती हैं, तो देशभर में व्यापक आन्दोलन होगा।

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