नयी दिल्ली , नवंबर 06 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय ने गुरुवार को संजय कुमार इरपाची, अंजलि विश्वकर्मा और करण सिंह जाटव के खिलाफ 1.5 करोड़ रुपये धन शोधन के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया।

ईडी ने भोपाल स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा संजय कुमार इरपाची और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी जाँच शुरू की। सीबीआई ने बाद में इस मामले में कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये थे।

ईडी की जाँच में सामने आया कि संजय इरपाची ने सिस्टम मैनेजर के पद पर रहते हुए फिनेकल और मैककैमिश सिस्टम तक अपनी प्रशासनिक पहुँच का दुरुपयोग किया। उसने तकनीकी सहायता प्रदान करने के बहाने अन्य डाक कर्मचारियों के यूज़र आईडी और पासवर्ड प्राप्त किए। संजय ने अपने रिश्तेदारों और सह-अभियुक्तों के नाम पर 18 डाक जीवन बीमा (पीएलआई) पॉलिसियों में प्रीमियम के रूप में 42.77 लाख रुपये जमा किए।

संजय ने अंजलि विश्वकर्मा के साथ मिलकर इनमें से सात पीएलआई पॉलिसियों पर फर्जी सॉफ्टवेयर प्रविष्टियों के माध्यम से ऋण लिया और चुकाया। करण सिंह जाटव और अंजलि विश्वकर्मा के साथ साजिश रचकर उन्होंने अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर 12 फर्जी सावधि जमा खाते और कई बचत खाते खोले। डाकघर में कोई वास्तविक चेक जमा नहीं किया इसके बावजूद, चेक क्लीयरेंस को गलत तरीके से दिखाकर धोखाधड़ी की।

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