चेन्नई , दिसंबर 08 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु में नगर पालिका एवं जल प्रशासन (एमडब्ल्यूएएस ) विभाग में निविदा में हेरफेर से जुड़े कथित 1,020 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर राज्य के वरिष्ठ मंत्री केएन नेहरू के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है।
ईडी ने ठेकेदारों को निविदा आवंटन में धांधली से जुड़े इस घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने करने के लिए कहा है, ताकि वह हवाला कारोबार रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू कर सके। एजेंसी के अनुसार,उसके हाथ में मौजूद सबूत सिर्फ हिमशैल का एक छोटा सा हिस्सा है और आगे की जांच की आवश्यकता है।
वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया यह मामला विपक्ष को श्री एमके स्टालिन के नेतृत्ववाली द्रमुक सरकार पर हमला करने का एक मौका दे सकता है। दिसंबर के पहले सप्ताह में तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ सतर्कता तथा भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय को भेजे गए 258 पन्नों की फ़ाइल में एजेंसी ने मामले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने पर जोर दिया है। निविदा आवंटन में धांधली और हेरफेर के लिए, उसने इस साल अप्रैल में एमडब्ल्यूएएस का मंत्रालय संभालने वाले श्री नेहरू, उनके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर की गयी तलाशी के दौरान मिले डिजिटल सबूतों का हवाला दिया है।
गौरतलब है कि यह ईडी की तरफ से लिखा गया दूसरा पत्र है जो त्रिची जिला के द्रमुक के बड़े नेता नेहरू की देखरेख में एक नए घोटाले का खुलासा करता है। इस साल अक्टूबर में ईडी ने राज्य सरकार को नौकरी के बदल नगद घोटाले के संबंध में प्रथामिकी दर्ज करने के लिए लिखा था, जिसमें सहायक अभियंता , कनिष्ठ अभियंता और नगर नियोजन अधिकारी के पदों के लिए उम्मीदवारों से 25 लाख रुपये से 35 लाख रुपये तक की रिश्वत ली गई थी। एजेंसी ने दावा किया था कि रिश्वत की कुल रकम लगभग 900 करोड़ रुपये थी। यह खुलासा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा उन सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपने के तुरंत बाद हुआ था।
ईडी का आरोप है कि जिन ठेकेदारों ने हेरफेर करके निविदा हासिल किए और एमडब्ल्यूएएस विभाग के तहत सामुदायिक शौचालय, सफाई कर्मचारी क्वार्टर, गांव की सड़कें, नाबार्ड परियोजनाओं जैसे काम किए, उन्होंने अनुबंध मूल्य का 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत मंत्री के सहयोगियों को दिया।
ईडी ने दावा है कि उसने तलाशी के दौरान मंत्री के सहयोगियों के मोबाइल से व्हाट्सएप चैट और कैलकुलेशन शीट बरामद की हैं। ईडी ने कहा कि रिश्वत इकट्ठा करने के लिए विभाग के अधिकारियों का भी इस्तेमाल किया गया था और रिश्वत पार्टी फंड के नाम पर इकट्ठा की गयी थी। ईडी आरोप लगाया है कि पैसा देश के अंदर और बाहर हवाला नेटवर्क के ज़रिए हस्तांतरित किये गये।
इस बीच, श्री नेहरू ने आज शाम एक बयान में ईडी पर मानहानिकारक आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि वह इसका कानूनी तौर पर सामना करेंगे। आरोपों का ज़ोरदार तरीके से खंडन करते हुए और अपने विभाग की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि ईडी उन विपक्षी पार्टियों की कतार में शामिल हो गयी है जो हर सेक्टर में द्रविड़ मॉडल सरकार की उपलब्धियों को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं। उन्होंने आरोप लगाया, "ईडी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का एक कठपुतली विभाग बन गया है और हर दिन शिकायतों और दुष्प्रचार के साथ मुझे निशाना बनाकर लगातार मानहानि में लगा हुआ है।" मंत्री ने कहा कि यह बहुत निंदनीय है।
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