नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंड़ीगढ क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश स्थित एजेंट नवाब हसन को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया, जिसने उसे नौ दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।

नवाब हसन निर्दोष लोगों को गुमराह करने और क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स/बॉटब्रो/बॉटअल्फा/क्रॉसअल्फा/माइनक्रिप्टो घोटाले के माध्यम से पिरामिड स्कैम चला रहा था जिसमें पीड़ितों को प्रतिमाह प्रांच से छह प्रतिशत रिटर्न देने का लालच देकर उनसे निवेश के नाम पर ठगी की जाती थी।

ईडी ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और असम में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज कई प्राथमिकी के आधार पर अपनी जाँच शुरू की थी जिसमें इस तरह के पिरामिड घोटाले का पता चला था। आरोपी ने कथित तौर पर निवेशकों से पांच से छह प्रतिशत मासिक रिटर्न का वादा किया था, जिसमें धन जुटाने के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स और यूएसडीटी जैसी आभासी मुद्राओं का उपयोग किया गया था। निवेश किए जाने के बाद, निवेशकों की आईडी हटा दी जाती थी और कुछ महीनों के बाद भुगतान रोक दिया जाता था तथा इस धनराशि को दुबई बैठे मास्टरमाइंड लविश चौधरी उर्फ नवाब और उसके साथियों के नाम पर संपत्ति खरीदने और विलासिता के खर्चों के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भेज दिया जाता था।

जांच से पता चला कि नवाब "ब्लू डायमंड एक्जीक्यूटिव" के पद के साथ एक वरिष्ठ फील्ड लीडर के रूप में काम करता था और उसने 10,000 से अधिक निवेशकों का आधार बनाया था। उसने नकदी एकत्र की और पहले भुगतान एग्रीगेटर्स के माध्यम से और बाद में यूएसडीटी के माध्यम से निवेश किया,नवाब ने स्वीकार किया कि प्लेटफ़ॉर्म पर कभी कोई वास्तविक विदेशी मुद्रा व्यापार नहीं हुआ और निवेशक डैशबोर्ड पर फर्जी बैंलेंस दिखाया जाता था जबकि नये निवेश से प्राप्त राशि का उपयोग लंबित भुगतानों के लिए किया जाता था। वह फरार मास्टरमाइंड लविश चौधरी से मिलने के लिए अक्सर यूएई जाता था और वह दुबई जाने की योजना बना रहा था। नए निवेशकों में विश्वास जगाने के लिए उसने लविश चौधरी के साथ ज़ूम कॉल में भी भाग लिया।

इससे पहले शामली स्थित उसके आवास पर की गई तलाशी में निवेशकों से धोखाधड़ी करके अर्जित 94.23 लाख रुपये की आपराधिक आय बरामद हुई थी। ईडी की यह कार्रवाई क्यूएफएक्स घोटाले में शामिल संचालकों पर कई कार्रवाई के बाद हुई है। गत 17 सितंबर को गिरफ्तार और वर्तमान में हिरासत में लिए गए शीर्ष एजेंट हरिंदर पाल सिंह ने नवाब की पहचान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख एजेंट के रूप में की।

इस वर्ष 26 अगस्त के एक अनंतिम कुर्की आदेश में आरोपी, उसके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों द्वारा अर्जित 9.49 करोड़ रुपये मूल्य की 45 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इसके अलावा इस वर्ष 11 फरवरी और चार जुलाई को की गई तलाशी के परिणामस्वरूप विभिन्न फर्जी संस्थाओं के 391 करोड़ रुपये की आपराधिक आय वाले 185 बैंक खातों को जब्त और फ्रीज कर दिया गया।

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