नयी दिल्ली , अक्टूबर 18 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने पाकिस्तानी नागरिक द्वारा चलाए जा रहे फर्जी पासपोर्ट रैकेट के मुख्य सहयोगी को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदुभूषण हलदर उर्फ दुल्लाल को 'आजाद मलिक' नाम से फर्जी पहचान रखने वाले पाकिस्तानी नागरिक आज़ाद हुसैन से जुड़े एक मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। हलदर को कोलकाता के बिचार भवन स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उसे आगे की जाँच के लिए ईडी को पाँच दिनों की हिरासत में दे दिया।
ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी अधिनियम के तहत आज़ाद मलिक के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपनी जाँच शुरू की।
ईडी ने बताया कि जांच से पता चला कि पाकिस्तानी नागरिक आज़ाद हुसैन 'मोना मलिक के बेटे आज़ाद मलिक' की फर्जी पहचान के तहत भारत में अवैध रूप से रह रहा था। वह पैसे के बदले बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के लिए धोखाधड़ी से भारतीय पहचान पत्र प्राप्त करने में शामिल था। हुसैन को 15 अप्रैल, 2025 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
ईडी की जाँच में यह भी पता चला कि हुसैन भारतीय पासपोर्ट चाहने वाले बांग्लादेशी ग्राहकों को नादिया के चकदाह निवासी इंदुभूषण हलदर के पास भेजता था। हलदर ने इन नागरिकों के आवेदनों के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार करके भारतीय पासपोर्ट जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजाद मलिक के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के माध्यम से हलदर अब तक लगभग 250 मामलों में अवैध तरीकों से पासपोर्ट जारी करने में शामिल रहा है। कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत और कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर उसकी अग्रिम ज़मानत याचिकाएँ खारिज कर दी गईं।
पीएमएलए के तहत आज़ाद हुसैन के खिलाफ 2025 में एक अभियोजन शिकायत पहले ही दर्ज की जा चुकी है। मामले की आगे की जाँच जारी है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित