नयी दिल्ली , नवंबर 24 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने हाल ही में बेंगलुरु और गुरुग्राम में विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है।

ईडी के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि छापेमारी में निरडेसा नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएनपीएल) और गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपीएल) के कार्यालयों के साथ-साथ उनके निदेशकों और अन्य आरोपियों के आवासीय परिसरों की भी तलाश्नी ली गयी।

ईडी ने कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत अपनी जांच शुरू की। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि निरडेसा नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित गेमिंग प्लेटफॉर्म पॉकेट52 ने कथित रूप से हेरफेरी किए गये खेल परिणामों, खिलाड़ियों की मिलीभगत, तकनीकी गड़बड़ियों, निकासी प्रतिबंधों एवं पारदर्शिता की कमी के माध्यम से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की।

शिकायतकर्ता ने व्यवस्थित धोखाधड़ी के कारण तीन करोड़ रुपये से ज़्यादा के नुकसान की रिपोर्ट दर्ज की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पॉकेट52 ने उपयोगकर्ताओं की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया, हैंड हिस्ट्री जैसी सुविधाओं को हटा दिया और ज़िम्मेदार खेल प्रथाओं की अनदेखी की। अधिकारियों और उपयोगकर्ताओं का आरोप है कि प्लेटफ़ॉर्म ने अपने एल्गोरिदम में हेराफेरी की और अनुचित खेल को बढ़ावा दिया। पॉकेट52 और उसकी मूल कंपनी के नेतृत्व का नाम एफआईआर में दर्ज किया है और उन पर धोखाधड़ी एवं नियामक उल्लंघनों के लिए जांच चल रही है।

एक अधिकारी ने कहा, "जांच और तलाशी के दौरान, यह पाया गया कि कई उपयोगकर्ताओं ने हेरफेरी एवं पारदर्शिता की कमी को लेकर शिकायतें एवं चिंताएं व्यक्त की थीं। कंपनी ने जानबूझकर उपयोगकर्ताओं का शोषण किया और उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने में विफल रही। तदनुसार, निदेशकों एवं संस्थापकों से मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे आपत्तिजनक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं, तथा गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के परिसर से बड़ी मात्रा में डेटा बैकअप ले लिया गया है।"अधिकारी ने आगे कहा, " बाइस अगस्त, 2025 को लागू ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम (प्रोग एक्ट) के प्रचार एवं विनियमन के माध्यम से भारत सरकार द्वारा रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी, कंपनी ने अपने एस्क्रो खातों में 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अभी भी खिलाड़ियों को वापस किए बिना रखा हुआ है।" इसके अलावा, भुगतान के लिए एस्क्रो खातों के रूप में उपयोग किए जाने वाले आठ बैंक खातों को, जिनमें लगभग 18.57 करोड़ रुपये की राशि शेष है, ज़ब्त किया गया है। ईडी को संदेह है कि एनएनपीएल और पॉकेट52 सहित आरोपी संस्थाओं ने अपराध की कमाई इन खातों में जमा की है।

यह कार्रवाई पीएमएलए, 2002 की धारा 17(1ए) के अंतर्गत की गई है और आगे की जांच चल रही है।

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