कोलकाता, सितंबर 28 -- एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और उसकी संबंधित कंपनियों के खिलाफ कथित धन शोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के आरामबाग में होटलों और रिसॉर्ट्स सहित 212 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है।इनकी कीमत 155 करोड़ रुपये से अधिक है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। ईडी द्वारा अचल संपत्तियों की जब्ती हाल ही में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सैयद जियाजुर रहमान सहित कई व्यक्तियों की संपत्तियों की व्यापक तलाशी के दौरान हुई। जब्त की गई संपत्तियाें में जमीन के प्लाट, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं और ये पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में स्थित हैं।
,जांच के दौरान पता चला है कि निवेशकों से 1600 करोड़ रुपये ठगे गए, जिन्हें आरोपी व्यक्तियों ने उच्च रिटर्न के झूठे वादों से गुमराह किया गया था। इन संपत्तियों की पहचान 155 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी से जुटाई गई आपराधिक आय के रूप में की गयी है।
संघीय एजेंसी ने कहा कि उसने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत एलएफएस ब्रोकिंग, सैयद जियाजुर रहमान और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पश्चिम बंगाल में कई धोखाधड़ी के मामलों के अलावा, सैयद जियाजुर रहमान और एलएफएस समूह के खिलाफ गुजरात, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
जांच से पता चला कि सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार मैती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके साथियों सहित मास्टरमाइंड सेबी पंजीकरण प्रमाणपत्रों में हेरफेर करके अवैध निवेश योजनाएं चलाते थे और निवेशकों को उनके निवेश पर 2 से 3 प्रतिशत तक की गारंटीकृत मासिक रिटर्न प्रदान करने के नाम पर निवेशकों के धन को इकट्ठा करने और डायवर्ट करने के लिए संस्थाओं का इस्तेमाल करते थे।
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