कोलकाता , नवंबर 23 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल और झारखंड में कोयला माफिया के खिलाफ कार्रवाई में 14 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और जूलरी मिली है।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि ये बरामदगियां कोयला तस्करी से जुड़ी हैं। एजेंसी ने जमीन की बिक्री, खरीद के एग्रीमेंट पेपर्स और कई डिजिटल डिवाइस तथा इन धंधों के प्रमोटरों द्वारा नियंत्रित की जाने वाली इकाई के खाते भी जब्त किए।
कोयले के बड़े पैमाने पर गैर-कानूनी खनन, चोरी, परिवहन, भंडारण और बिक्री के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत शुक्रवार को दोनों राज्यों में 44 जगहों पर छापे और गहन तलाशी अभियान चलाए गए। अधिकारी ने दावा किया कि झारखंड के धनबाद और दुमका में 20 जगहें मुख्य रूप से लाल बहादुर सिंह, अनिल गोयल, संजय खेमका, अमर मंडल, उनकी कंपनियों/इकाइयों और उनसे जुड़े लोगों से जुड़ी हैं। वहीं पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में 24 जगहें छापे और गहन तलाशी अभियान चलाए गए।
पश्चिम बंगाल में नरेंद्र खरका, कृष्ण मुरारी कयाल, युधिष्ठिर घोष, राज किशोर यादव, लोकेश सिंह, चिन्मय मंडल, नीरद बरन मंडल और दूसरों से जुड़े अलग-अलग आवासीय जगहों, कार्यालयों, गैर-कानूनी टोल कलेक्शन बूथ और कोक प्लांट में तलाशी ली गई।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के साथ ईडी के 100 से अधिक अधिकारी तलाशी में शामिल थे। ईडी की जांच पश्चिम बंगाल और झारखंड पुलिस द्वारा गैर-कानूनी कोयला तस्करी के मामले में दर्ज कई प्राथमिकी पर आधारित है, जो मुख्य रूप से दोनों राज्यों के बीच चल रही है। अधिकारी ने दावा किया कि तलाशी के दौरान जब्त किए गए कागजात और दूसरे रिकॉर्ड से स्थानीय अधिकारियों की मदद से चल रहे एक संगठित घोटाले का पता चला है।
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