नयी दिल्ली , अक्टूबर 16 -- प्रवर्तन निदेशालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव, रैपर राहुल यादव (फाजिलपुरिया), एक डिजिटल कंपनी और उसके निदेशक के खिलाफ गुरुवार को अपने आरोपपत्र में सांप और इगुआना जैसे संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों का वीडियो बनाकर धनशोधन करने का आरोप लगाया है।

धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत दायर अभियोजन शिकायत में कहा गया है कि फाजिलपुरिया के चैनल पर "32 बोर" गाने और एल्विश यादव के चैनल पर एक ब्लॉग में संरक्षित जानवरों को दर्शाया गया है जो वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत एक अपराध है।

ईडी का आरोप है कि इन विशिष्ट वीडियो से प्राप्त आय "अपराध से प्राप्त आय" है। दस्तावेज़ के अनुसार, फाज़िलपुरिया को "32 बोर" वीडियो के वितरण के लिए स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 50 लाख रुपये की अग्रिम राशि प्राप्त हुई। आरोपपत्र के अनुसार, उसने यह धनराशि प्राप्त कर अपने पास रखी और उसका उपयोग किया, जिसका एक हिस्सा आपत्तिजनक वीडियो के निर्माण में उपयोग किया गया।

चूंकि अधिकांश धनराशि खर्च हो चुकी है इसलिए ईडी ने अस्थायी रूप से उनकी 50 लाख रुपये मूल्य की कृषि भूमि को जब्त कर लिया है।

स्काई डिजिटल कंपनी ने "32 बोर" के लिये वित्तीय प्रबंधन किया और उस पर वीडियो के लगभग 1.24 लाख रुपये के आजीवन राजस्व को अपने पास रखने का आरोप है। इसकी पहचान "अपराध से प्राप्त आय" के रूप में की गयी है।

ईडी ने इस रकम को सावधि जमा में सुरक्षित कर लिया है। कंपनी के निदेशक गुरकरण सिंह धालीवाल पर इस कार्य का संचालन करने के लिए ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया गया है।

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