फगवाड़ा , दिसंबर 25 -- पंजाब के फगवाडा में पवित्र बेई नदी की 25वीं वर्षगांठ इस वर्ष चर्चा का प्रमुख विषय बनी रही। इसे देश की पहली ऐसी नदी होने का गौरव प्राप्त हुआ जिसे भीषण प्रदूषण के बाद पूरी तरह से पुनर्स्थापित किया गया और यह प्राचीन काल की तरह स्वच्छ और निर्मल रूप से बहने लगी।

बाबा नानक की भूमि के रूप में पूजनीय सुल्तानपुर लोधी वह पवित्र स्थान है जहाँ से गुरु नानक देव जी ने सार्वभौमिक बंधुत्व का शाश्वत संदेश दिया और मानवता को विश्व के साथ साझा किया। पवित्र बेई, जिसे दिव्य गुरबानी का अवतरण स्थल माना जाता है, एक समय अत्यधिक प्रदूषित हो गया था।

संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा जुलाई 2000 में इसके शुद्धिकरण के लिए कारसेवा शुरू की गई थी और यह जुलाई 2025 में पूरी हुई। परिणामस्वरूप, जल इतना शुद्ध हो गया है कि अब यह पीने योग्य है।

यह पंजाब के लिए अत्यंत गर्व की बात है, क्योंकि बाबा नानक की बेई नदी वर्ष 2025 में देश भर की अन्य नदियों और जल निकायों के लिए एक आदर्श बनकर उभरी। पवित्र बेई नदी की पुनः प्राप्ति ने पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी ध्यान आकर्षित किया और पर्यावरणविदों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। बेई नदी के लिए अपनाई गई कार सेवा की वही पद्धति अब पंजाब के सबसे प्रदूषित जल निकायों में से एक, बुड्ढा दरिया को साफ करने के लिए लागू की जा रही है।

नदी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर, लोधी वंश से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के न्यायमूर्ति अफरोज अहमद ने भी इस अवसर पर आयोजित पर्यावरण सम्मेलन में भाग लिया। बरसी समारोह के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान उपस्थित रहे, वहीं पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी भी शामिल हुए और उन्होंने बाबा नानक के साझा मानवता के संदेश को दोहराते हुए राज्य के लोगों से एकता और सद्भाव से रहने की अपील की।

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