नयी दिल्ली , अक्टूबर 12 -- एक सप्ताह की भारत यात्रा पर आए अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताकी के यहां रविवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।
श्री मुत्ताकी की इससे पहले यहां हुई प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की गैरमौजूदगी रही थी। इस कदम की चौतरफा आलोचना हुई थी।
श्री मुत्ताकी ने रविवार को इसे चूक बताते हुए "तकनीकी समस्या" करार दिया। उन्होंने कहा, "किसी को भी शामिल नहीं करने का कोई इरादा नहीं था। किसी के भी हक, चाहे वो मर्द हों या और, कभी भी वंचित नहीं किए जाने चाहिए।"इस मामले में विपक्षी दलों ने भारत सरकार पर अपनी धरती पर भेदभावपूर्ण कार्यक्रम की अनुमति देने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मसले पर जवाबदेही की मांग करते इस घटना को "शर्मनाक" और महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात बताया। इस पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उस कार्यक्रम के आयोजन में उसकी कोई भूमिका नहीं थी।
श्री मुत्ताकी ने अमृतसर और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सीधी उड़ानों की योजना की घोषणा की और पढ़ाई के लिए छात्रों के आवागमन को विस्तार देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, "हमने चाबहार बंदरगाह से व्यापार पर चर्चा की और भारत से अफ़ग़ानिस्तान के सबसे नज़दीकी व्यापारिक संपर्क, वाघा सीमा मार्ग को दोबारा खोलने पर विचार करने का अनुरोध किया।" उन्होंने भारत में अफ़ग़ान बंदियों का मुद्दा भी उठाया और उनकी सुगम स्वदेश वापसी की मांग की।
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