नयी दिल्ली , नवंबर 22 -- इस्पात उद्योग को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने 55 आईएस (इंडियन स्टैंडर्ड) मानकों का प्रवर्तन एक से तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है।
इस्पात मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संभावित डाउनस्ट्रीम मूल्य निर्धारण प्रभावों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) तथा उपभोक्ता उद्योगों के लिए इस्पात की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता और कुछ विशेष ग्रेड के लिए आयात पर निरंतर निर्भरता को ध्यान में रखते हुए गैर-वित्तीय नियामक सुधारों पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय अनुचित व्यापार प्रथाओं की रोकथाम, छोटे इस्पात उत्पादकों के लिए समर्थन और घरेलू आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देने से संबंधित विचारों का भी आकलन किया।
मंत्रालय ने इस्पात एवं इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2025 जारी किया है जिसका मकसद इस्पात एवं इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024 में संशोधन करना है।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस्पात एवं इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024 की अनुसूची 1 में कुल 42 आईएस मानकों का प्रवर्तन तीन साल के लिए निलंबित किया गया है। इसमें मुख्य रूप से इंजीनियर्ड उत्पादों, ऑटोमोटिव और टिकाऊ वस्तुओं के निर्माण में उपयोग किये जाने वाले इस्पात ग्रेड शामिल हैं।
वहीं, इस्पात एवं इस्पात उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2024 की अनुसूची 1 में शामिल अन्य 13 आईएस मानकों को लागू करना एक साल के लिए टाला गया है। इसमें मुख्य रूप से विशिष्ट और उच्च-शुद्धता की जरूरत वाले ऐप्लिकेशनों में उपयोग किये जाने वाले विशिष्ट इस्पात ग्रेड शामिल हैं, जिनमें असाधारण शक्ति, कठोरता, आयामी सटीकता और तापीय स्थिरता की आवश्यकता वाली सामग्रियां शामिल हैं।
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