चेन्नई , दिसंबर 12 -- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 15 दिसंबर को श्रीहरिकोटा के शार रेंज से अपने सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 का उपयोग करके अब तक के सबसे भारी पेलोड, अमेरिकी उपग्रह ब्लूबर्ड-6 को निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में प्रक्षेपित करेगा।
एक विशेष वाणिज्यिक मिशन के अंतर्गत उपग्रह को दूसरे प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा और सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में इसकी तैयारी चल रही है। प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड द्वारा मिशन को मंजूरी प्रदान किए जाने के बाद तीन-चरण वाले प्रक्षेपण यान में प्रणोदक भरने के लिए 14 दिसंबर को उल्टी गिनती शुरू होने की उम्मीद है जिसने अब तक 100 प्रतिशत सफलता दर सुनिश्चित की है।
ब्लूबर्ड-6 का निर्माण एएसटी स्पेसमोबाइल इंक. द्वारा एएसटी स्पेसमोबाइल के मुख्यालय, मिडलैंड, टेक्सास में किया गया है जो पहली और एकमात्र अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क निर्माता कंपनी है। इसे वाणिज्यिक एवं सरकारी दोनों अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एएसटी स्पेसमोबाइल ने कहा कि ब्लूबर्ड-6 उपग्रह 15 दिसंबर को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। ब्लूबर्ड-6 का वजन 6,500 किलोग्राम है और यह एलवीएम3 द्वारा एलईओ में स्थापित होने वाला अब तक का सबसे भारी उपग्रह होगा।
ब्लूबर्ड-6, एएसटी स्पेसमोबाइल की अगली पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है। प्रक्षेपित होने के बाद इसमें लगभग 2,400 वर्ग फुट का सबसे बड़ा वाणिज्यिक फेज़्ड ऐरे (छोटे एंटेना या सेंसर का एक समूह) होगा जो पृथ्वी की एलईओ में मौजूद होगा। ब्लूबर्ड-6 आकार में ब्लूबर्ड 1-5 की तुलना में 3.5 गुना ज्यादा है और इसकी डेटा क्षमता 10 गुना अधिक है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित