चेन्नई , अक्टूबर 26 -- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज कहा कि दो नवंबर को भारी रॉकेट एलवीएम-3 से देश की नौसेना के लिए संचार उपग्रह जीएसएटी-7आर का प्रक्षेपण किया जायेगा।

इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुये घोषणा की थी कि भारत का एलवीएम -3 रॉकेट नवंबर की शुरुआत में जीसैट-7आर संचार उपग्रह को प्रक्षेपित करेगा।

यह जीएसएटी-7आर या सीएमएस-03 उपग्रह 4.4 टन वजनी है जो 2.65 टन के जीएसएटी-7 या रुक्मिणी की जगह लेगा जिसे 2013 में एरियन स्पेस के रॉकेट एरियन से प्रक्षेपित किया गया था।

इसरो ने कहा कि सीएमएस -03 एक मल्टी-बैंड संचार उपग्रह है जो भारतीय भूभाग सहित एक बड़े समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। यह भारतीय क्षेत्र से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा। इसे ले जाने वाले एलवीएम-3 एम5 हेवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल की यह पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान होगी। एलवीएम 3 के पिछले मिशन ने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया था, जिसमें भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक लैंड करने वाला पहला देश बन गया था।

इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से असेंबल और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है और आगे के प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए इसे 26 अक्टूबर, 2025 को प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया जाएगा।

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