तिरुवनंतपुरम , नवंबर 14 -- पंजीकृत वन संरक्षण संगठन पशु एवं प्रकृति नैतिकता समुदाय)(एएनईसी) ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ,केरल के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के गंभीर उल्लंघन के मामले में कानूनी नोटिस जारी किया है।
नोटिस में इडुक्की जिले के नागरामपारा और वेल्लूर रिजर्व फॉरेस्ट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत मनियारंकुडी-उदुम्बन्नूर रोड के निर्माण और उन्नयन का उल्लेख किया गया है। एएनईसी ने दावा किया है कि यह परियोजना केंद्र सरकार से अनिवार्य पूर्वानुमति के बिना आगे बढ़ी है। वन (संरक्षण) अधिनियम की धारा -2 के तहत इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है।
संगठन ने राजनीतिक हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया है। इसके लिए केरल के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन द्वारा परियोजना के आधिकारिक उद्घाटन का हवाला देते हुए कहा है कि स्थानीय वन अधिकारियों ने विभागीय अधिकार का कथित दुरुपयोग किया। उन्होंने 'सड़क रखरखाव' के बहाने मशीनरी की आवाजाही और पेड़ों की कटाई की अनुमति दी। नोटिस में कहा गया है कि सड़क एक महत्वपूर्ण हाथी गलियारे और पश्चिमी घाट के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से होकर गुजरती है, जो लायन टेल्ड मंकी ,मालाबार सिवेट और नीलगिरि फ्लाईकैचर जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। एएनईसी का दावा है कि वन भूमि को वाहन योग्य सड़क में बदलने से आवास विखंडन, मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि और दीर्घकालिक जैव विविधता का नुकसान होता है। नोटिस में निर्माण को तत्काल रोकने , वन (संरक्षण एवं संवर्धन) नियम 2023 के तहत जारी अनुमतियों को रद्द करने, प्रभावित वन क्षेत्रों को बहाल करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गयी है।
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