संयुक्त राष्ट्र , अक्टूबर 09 -- संयुक्त राष्ट्र (संरा) के मानवीय कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि मिस्र में गाजा शांति वार्ता के तीसरे दिन भी गाजा पट्टी में इज़रायली सैन्य अभियानों में कोई कमी नहीं आई है।
संरा के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि यह अभियान "पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति को और भी ख़तरनाक बना रहा है।"ओसीएचए ने कहा कि उसके सहयोगियों ने बताया है कि असुरक्षा के कारण कई लोग उत्तरी गाजा से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। लोग बाहर सो रहे हैं और भोजन एवं आश्रय की भारी कमी के बीच जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र ने गाजा शहर में हुए नुकसान का एक प्रारंभिक विश्लेषण प्रकाशित किया है, जिसमें 83 प्रतिशत इमारतें शामिल हैं। इससे पता चला है कि लगभग 81,000 आवासीय इकाइयाँ क्षतिग्रस्त हुई हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से, गाजा में लगभग 42,000 फ़िलिस्तीनी गंभीर, संभावित रूप से जीवन बदल देने वाली चोटों का सामना कर चुके हैं। घायलों में से एक-चौथाई बच्चे हैं और 5,000 से ज़्यादा अंग-विच्छेदन दर्ज किए गए हैं।
पश्चिमी तट के संबंध में ओसीएचए ने कहा कि वह इज़रायली सैन्य अभियानों ( जिनमें उत्तरी क्षेत्रों के शरणार्थी शिविरों में भी शामिल हैं) के प्रभाव से बेहद चिंतित है। तुलकरम, नूर शम्स और जेनिन शिविरों में हज़ारों लोग अपने घरों से विस्थापित हैं।
ओसीएचए ने 2025 के पहले नौ महीनों में पश्चिमी तट पर इज़रायल के बसने वालों द्वारा किए गए 1,200 से ज़्यादा हमलों का रिकॉर्ड दर्ज किया है, जिसके परिणामस्वरूप फ़िलिस्तीनी हताहत हुए, संपत्ति को नुकसान पहुँचा या दोनों हुए, और 17,000 से ज़्यादा पेड़ों और पौधों को नुकसान पहुँचा।
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