चंडीगढ़ , नवंबर 27 -- अमेरिका और कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय के 79 प्रमुख संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाला समूह - 'इंड यूएस कनाडा' ने भारत सरकार से डुअल सिटीजनशिप पॉलिसी (दोहरी नागरिकता नीति ) लागू करने करने का आह्वान किया है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए फोरम के अध्यक्ष विक्रम बाजवा ने विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका और कनाडा में 80 लाख से अधिक प्रवासी भारतीय रहते हैं, जो भारत की सबसे मजबूत संपत्तियों में से एक हैं। फिर भी दोहरी नागरिकता से मिलने वाले अधिकारों और सुरक्षा के अभाव में भारत उनकी वित्तीय क्षमता, पेशेवर हितों और वैश्विक प्रभाव का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहा है। श्री बाजवा ने बताया कि इज़रायल, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश भी अपने प्रवासी समुदाय की शक्ति को बढ़ाने के लिए दोहरी नागरिकता का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "जब ये देश अपने प्रवासी समुदाय को मजबूत कर सकते हैं, तो भारत क्यों इस मुद्दे पर चुप है?"उन्होंने कहा कि दोहरी नागरिकता नीति एक ऐतिहासिक सुधार साबित हो सकती है, जो भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत मिशन को गति देगी। हाल के आयात कर बढ़ोतरी और जियो पोलिटिकल तनावों के कारण कई भारतीय, अमेरिकी पेशेवर और उद्यमी अस्थिर स्थिति में हैं। दोहरी नागरिकता उन्हें भारत में निवेश, संपत्ति निर्माण और आर्थिक जुड़ाव जारी रखने के लिए आवश्यक सुरक्षा और भरोसा देगी। उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय समुदाय, खासकर पंजाबियों के खिलाफ बढ़ते अपराध और घटनाओं को लेकर गहरी चिंता जतायी। दोहरी नागरिकता नीति प्रवासी परिवारों को अतिरिक्त सुरक्षा, कानूनी स्पष्टता और भारत की ओर से मजबूत समर्थन प्रदान कर सकती है।
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