जकार्ता/नयी दिल्ली, सितंबर 25 -- इंडोनेशिया में इस सप्ताह निशुल्क मध्यान्ह भोजन करने से 1,000 से अधिक बच्चे बीमार हो गये हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

इंडोनिशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो स्कूली बच्चों के लिये निशुल्क पौष्टिक भोजन कार्यक्रम चला रहे है। इस कार्यक्रम में अरबों डॉलर रुपये खर्च हो रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक पौष्टिक लंच कार्यक्रम से बड़े पैमाने पर खाद्य विषाक्तता की घटनाएं देखने को मिल रही है।

वेस्ट जावा के सिपोंगकोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रमुख युयुन सरीहोतिमा ने बीबीसी इंडोनेशिया को बताया कि सोमवार से बुधवार के बीच दर्ज किए गए विषाक्तता के मामलों की कुल संख्या 1,171 तक पहुंच गई है। यह पिछले सप्ताह वेस्ट जावा और मध्य सुलावेसी प्रांतों में 800 छात्रों के बीमार पड़नेकी घटना के बाद हुआ है।

राष्ट्रपति प्रबोवो ने पौष्टिक भोजन कार्यक्रम को अपनी नेतृत्व की पहचान बनाया है, जिसका लक्ष्य आठ करोड़ स्कूली बच्चों को मुफ्त लंच प्रदान करना है। लेकिन बड़े पैमाने पर खाद्य विषाक्तता की सिलसिलेवार घटनाओं के बाद गैर सरकारी संगठन इस कार्यक्रम को निलंबित करने की मांग करने लगे हैं।

समुदाय सशक्तिकरण के लिए समन्वय मंत्री मुहैमिन इस्कंदर ने बुधवार को कहा "इसे रोकने की कोई योजना नहीं है।" स्कूलों में इस प्रकार का भोजन खाने के बाद बच्चों ने पेट दर्द, चक्कर और मतली के साथ- साथ सांस की तकलीफ की शिकायत की, जो खाद्य विषाक्तता का एक असामान्य लक्षण है।

मुफ्त लंच कार्यक्रम में खाद्य विषाक्तता का कारण भोजन को तैयार और पैक करने में लापरवाही बरतने का आरोप है। इस सप्ताह के पीड़ितों ने सोया सॉस चिकन, तला हुआ टोफू, सब्जियां और फल खाया था। लेकिन पिछली विषाक्तता की घटनाओं में एक्सपायर्ड सॉस और एक मामले में तली हुई शार्क परोसने का मामला सामने आया था।

इंडोनेशिया की राष्ट्रीय पोषण एजेंसी के प्रमुख दादान हिंदायना ने बुधवार को कहा कि पिछले सप्ताह सिपोंगकोर में बड़े पैमाने पर खाद्य विषाक्तता पोषण पूर्ति सेवा इकाई (एसपीपीजी) की तकनीकी त्रुटि का परिणाम थी। राष्ट्रीय पोषण एजेंसी के अनुसार, सिपोंगकोर में एसपीपीजी के संचालन को कथित तौर पर निलंबित कर दिया गया है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित