कोलकाता , अक्टूबर 21 -- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कालीघाट स्थित आवास वार्षिक काली पूजा के अवसर पर आस्था और उत्सव के सुनहरे रंगों से जगमगा उठा है।
वार्षिक काली पूजा के अवसर पर मंत्रियों, अधिकारियों, सांस्कृतिक हस्तियों और नागरिकों ने भक्ति और गर्मजोशी के माहौल में एक साथ मां काली के दर्शन किए। सुश्री बनर्जी के लिए यह अवसर जितना व्यक्तिगत था, उतना ही आध्यात्मिक भी था। उनका मानना है कि आस्था शक्ति का एक शांत स्रोत है और सादगी शक्ति की सच्ची अभिव्यक्ति है।
उन्होंने दशकों से चली आ रही पारिवारिक परंपरा के अवसर पर कहा, "विश्वास हमेशा एक मार्गदर्शक प्रकाश रहा है जो संदेह के क्षणों में साहस और कठिन समय में करुणा का पोषण करता है। "उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स ' पर बंगाल और पूरे देश में हर घर में शांति, स्वास्थ्य और खुशी की कामना की। उन्होंने कहा, "इस वर्ष मेरे निवास पर काली पूजा का एक और पवित्र उत्सव है, एक परंपरा जो दशकों से मेरे जीवन का हिस्सा रही है। हर खुशी और दुख के माध्यम से, मुझे माँ काली की असीम कृपा में सांत्वना और उद्देश्य मिला है। हर साल की तरह मैंने इस दिन प्रार्थना और चिंतन, उपवास और माँ के लिए भोग तैयार करने में बिताया। मैंने उनके सामने माथा टेक कर बंगाल के लोगों और हमारे देश भर के हर घर के लिए उनका आशीर्वाद मांगा कि शांति, स्वास्थ्य और खुशी बनी रहे। "जैसे-जैसे शाम ढलती गयी कालीघाट के आसपास की गलियां भक्तों और मेहमानों से जीवंत हो गईं। मंत्रियों और नौकरशाहों से लेकर उद्योगपतियों और फिल्मी हस्तियों तक सभी बनर्जी घराने के वार्षिक अनुष्ठान में शामिल हुए। आगंतुकों में गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, पूर्व मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार, मंत्री फिरहाद हकीम और अरूप विश्वास तथा राज्यसभा सांसद सुब्रत बख्शी शामिल थे। उद्योगपति हर्ष नेवतिया और प्रसून मुखर्जी, अभिनेता से विधायक बने जून मलैया और सायंतिका बनर्जी भी समारोह में शामिल होने पहुंचे। फूलों की प्रिंट वाला कुर्ता पहने श्री मलैया जब समारोह में पहुंचे, तो उनकी मौसी यानी मुख्यमंत्री ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह एक ऐसा पल था जिसने पारिवारिक बंधन और बनर्जी परिवार की पीढ़ियों से चली आ रही आस्था की निरंतरता, दोनों को दर्शाया।
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