भोपाल , नवम्बर 19 -- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नेक) द्वारा की जाने वाली मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर उठे विवाद गहराते जा रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने उच्च श्रेणी प्राप्त करने के लिए स्व-अध्ययन रिपोर्ट में कई गलत और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किए हैं।

मामले को गंभीर बताते हुए छात्र संगठन ने तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को प्रमाण सौंपकर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने और परिसर में लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 54 लागू करने की मांग की है। एबीवीपी ने कहा है कि स्व-अध्ययन रिपोर्ट में की गई अनियमितताओं से जुड़े नए तथ्य दोपहर में आयोजित प्रेस वार्ता में साझा किए जाएंगे।

एबीवीपी के प्रदेश मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों के विपरीत स्व-अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में विलंब किया और इसे सत्रह नवम्बर की तिथि में वेबसाइट पर साझा किया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में अनेक तथ्य गलत सम्मिलित किए गए हैं और यह केवल प्रशासनिक त्रुटि नहीं है, बल्कि गंभीर शैक्षणिक भ्रष्टाचार है।

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