नयी दिल्ली, सितंबर 28 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्याग, सेवा की भावना और अनुशासन की सीख को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सच्ची ताकत करार देते हुए रविवार को कहा कि संघ सौ वर्षों से बिना थके, बिना रुके, राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है।
श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम मन की बात में कहा '' अगले कुछ ही दिनों में हम विजयादशमी मनाने वाले हैं। इस बार विजयादशमी एक और वजह से बहुत विशेष है। इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष हो रहे हैं। एक शताब्दी की ये यात्रा जितनी अद्भुत है, अभूतपूर्व है, उतनी ही प्रेरक है।"उन्होंने कहा ,"आज से 100 साल पहले जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी, तब देश सदियों से गुलामी की जंजीरों में बंधा था। सदियों की इस गुलामी ने हमारे स्वाभिमान और आत्मविश्वास को गहरी चोट पहुंचाई थी। विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता के सामने पहचान का संकट खड़ा किया जा रहा था। देशवासी हीन-भावना का शिकार होने लगे थे। इसलिए देश की आजादी के साथ-साथ ये भी महत्वपूर्ण था कि देश वैचारिक गुलामी से भी आजाद हो। ऐसे में, परम पूज्य डॉ० हेडगेवार जी ने इस विषय में मंथन करना शुरू किया और फिर इसी भगीरथ कार्य के लिए उन्होंने 1925 में विजयादशमी के पावन अवसर पर 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' की स्थापना की।
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