लखनऊ , नवंबर 07 -- समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को सरकारी लेटर पैड और मुहर के दुरुपयोग के आरोप से एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है।

विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। आरोप था कि आजम खान ने सरकारी लेटर पैड का उपयोग कर उस पर भाजपा, आरएसएस और शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद के खिलाफ टिप्पणी की थी।

पत्रावली के अनुसार आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में फरवरी 2019 में वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि घटना वर्ष 2014 की है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते वादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की, जिस पर वादी ने अल्पसंख्यक आयोग को शिकायत भेज कर आरोप लगाया।

आरोप था कि आजम खान ने सरकारी लेटर पैड का उपयोग कर उस पर भाजपा, आरएसएस और शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद के खिलाफ टिप्पणी की थी। शिकायत में कहा गया था कि यह कार्य न केवल सरकारी पद की मर्यादा के विपरीत था, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंच सकती थी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। बचाव पक्ष ने तर्क दिया। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट से सपा नेता आजम खान राहत मिली। वह इस केस से दोषमुक्त हो गए हैं।

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