नयी दिल्ली , अक्टूबर 16 -- केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने गुरुवार को कहा कि आयुर्वेद आहार सिर्फ भोजन नहीं बल्कि यह एक ऐसा दर्शन है जो स्वास्थ्य, स्थिरता और प्रकृति के प्रति करुणा से जोड़ता है।

उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ अपने सहयोग के माध्यम से, हमारा लक्ष्य आयुर्वेद आहार को वैश्विक पोषण का एक अभिन्न अंग बनाना है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि बेहतर खाद्य पदार्थ के माध्यम से बेहतर, रोगमुक्त भविष्य का निर्माण करें।

श्री जाधव ने कहा कि विश्व खाद्य दिवस 2025 "बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ मिलाना" थीम पर मनाया जा रहा है और ऐसे समय में आयुष मंत्रालय 'आयुर्वेद आहार' जैसी अभूतपूर्व पहलों के माध्यम से एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ पृथ्वी (सस्टेनबल प्लेनेट) को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहरा रहा है। उन्होंने कहा कि 'आयुर्वेद आहार' यानी भारत का अनूठा खाद्य दर्शन जो संतुलन, कल्याण और प्रकृति में निहित है।

केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा कि इस वर्ष के विश्व खाद्य दिवस का विषय भारत के पारंपरिक ज्ञान से गहराई से मेल खाता है। एफएसएसएआई द्वारा अधिसूचित आयुर्वेद आहार नियम, भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान को आधुनिक खाद्य सुरक्षा मानकों के साथ एकीकृत करने में नए मानक स्थापित कर रहे हैं।

श्री जाधव ने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने आयुष मंत्रालय के परामर्श से, हाल ही में श्रेणी 'ए' के अंतर्गत आयुर्वेद आहार उत्पादों की एक सूची जारी की है जो प्रामाणिक आयुर्वेदिक आहार तैयारियों के लिए पहला व्यापक संदर्भ ढांचा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्रामाणिक शास्त्रीय ग्रंथों पर आधारित इस सूची से आयुर्वेद-आधारित पोषण में वृद्धि, गुणवत्ता और वैश्विक विश्वास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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