नयी दिल्ली, सितंबर 25 -- केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए विभिन्न लेखापरीक्षा रिपोर्ट दाखिल करने की 'निर्दिष्ट तिथि' 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है।
वित्त मंत्रालय की ओर से आज जारी किए विज्ञप्ति के अनुसार आयकर अधिनियम, 1961 के किसी भी प्रावधान के तहत पिछले वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए लेखापरीक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की 'निर्दिष्ट तिथि', अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 2 के खंड (ए) में निर्दिष्ट करदाताओं के मामले में, 30 सितंबर, 2025 है जिसे अब 31 अक्टूबर तक बढाया जा रहा है। इस सम्बंध में अधिसूचना अलग से जारी की जा रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीबीडीटी को चार्टर्ड अकाउंटेंट निकायों सहित विभिन्न व्यावसायिक संघों से अभिवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें करदाताओं और व्यवसायियों द्वारा समय पर ऑडिट रिपोर्ट पूरी करने में आ रही कुछ कठिनाइयों पर प्रकाश डाला गया है। इन अभिवेदनों में देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पन्न व्यवधानों का उल्लेख किया गया है। इस कारण सामान्य व्यावसायिक और व्यावसायिक गतिविधियां बाधित हुई हैं। यह मामला उच्च न्यायालयों के समक्ष भी आया है।
सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल सुचारू रूप से और बिना किसी तकनीकी गड़बड़ी के काम कर रहा है और कर ऑडिट रिपोर्ट सफलतापूर्वक अपलोड की जा रही हैं। यह प्रणाली मजबूत और पूरी तरह चालू है और इससे विभिन्न वैधानिक प्रपत्र तथा रिपोर्ट जमा करना संभव हो रहा है।
विज्ञप्ति के मुताबिक 24 सितंबर तक, 4,02,000 कर ऑडिट रिपोर्ट (टीएआर) अपलोड की गईं थीं, जिनमें से 60,000 से अधिक टीएआर उसी दिन अपलोड की गईं। इसके अलावा, 23 सितंबर तक 7.57 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके थे।
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