रायपुर , अक्टूबर 31 -- आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू किए जाने के फैसले को किसानों के हितों के विरुद्ध बताया है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी पांच नवंबर से शुरू की जानी चाहिए क्योंकि अधिकांश किसानों का धान खेतों से खलिहानों में पहुंचकर बेचने के लिए तैयार हो गया है।
श्री साहू ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों की बेमौसम बारिश के कारण धान भीग गया है और यदि इसे 10-15 दिनों तक और रखा गया, तो किसानों को भारी नुकसान होगा। गोपाल साहू ने सवाल उठाया कि जब से राज्य बना है, तब से धान खरीदी समय पर शुरू होती रही है, लेकिन पिछले दो सालों से सरकार इसे 15 नवंबर से शुरू कर रही है। उन्होंने पूछा,"क्या सरकार किसानों का भला नहीं चाहती?"आप के प्रदेश महासचिव, मीडिया, सोशल मीडिया प्रभारी और मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि अभी तक केवल 21 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जबकि पिछले साल लगभग 28 लाख किसानों ने धान बेचा था। लगभग 7 लाख 88 हजार 66 किसानों का खसरा मेल नहीं खा रहा है, जिसके कारण वे धान बेचने से वंचित रह सकते हैं।
प्रदेश संगठन महासचिव उत्तम जायसवाल ने पंजीयन की समयसीमा को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर पंजीयन की आखिरी तारीख है, और जिन किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है, उनके लिए सरकार को या तो पंजीयन की तारीख आगे बढ़ानी चाहिए या सोसायटी के माध्यम से उनका पंजीयन कराना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस साल केवल 25 लाख किसानों से धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जो दर्शाता है कि सरकार की नीयत सभी किसानों से धान खरीदने की नहीं है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने किसानों की मुश्किलों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस साल किसानों ने ऋण लेकर खरीफ की फसल बोई थी, लेकिन खाद और यूरिया की कमी के साथ-साथ बेमौसम बारिश ने उनकी फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि धान खरीदी पांच नवंबर से नहीं शुरू की गई, तो छत्तीसगढ़ के किसानों के सामने एक बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।
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