वाराणसी , दिसंबर 12 -- "आने वाले वर्षों में आपके निर्णय न केवल आपकी व्यक्तिगत यात्रा को आकार देंगे, बल्कि राष्ट्र की दिशा भी तय करेंगे।" यह प्रेरक संदेश नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 105वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दिया।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. सारस्वत ने विद्यार्थियों से 'नए युग' में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विनम्रता, सत्यनिष्ठा, संवेदनशीलता, अनुशासन, आजीवन सीखने की प्रवृत्ति और सहयोग जैसे गुण ही सच्चे नेतृत्व को आकार देते हैं। ये गुण विश्वविद्यालय के पूज्य संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन में निरंतर परिलक्षित होते थे।
स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्र-निर्माण और देश की प्रगति में बीएचयू के विद्वानों, वैज्ञानिकों तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के योगदान का उल्लेख करते हुए पूर्व डीआरडीओ सचिव ने कहा कि यही गौरवशाली विरासत आज स्नातक हो रहे विद्यार्थियों की सफलता की आधारशिला है।
डॉ. सारस्वत ने कहा, "मैं आपमें ऐसे अभियंता देखता हूँ जो कल के बुनियादी ढांचे का निर्माण करेंगे, ऐसे प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ जो नवाचार का लोकतंत्रीकरण करेंगे और ऐसे व्यक्तित्व जो जटिल चुनौतियों का बुद्धिमानी से प्रबंधन करेंगे। आप भारत की श्रेष्ठतम शैक्षणिक व्यवस्था के परिणाम हैं, जिनके पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सतत इंजीनियरिंग और प्रबंधन विज्ञान से अनुप्रयुक्त अनुसंधान तक का ज्ञान है।"तेजी से बदलती दुनिया में नवाचार के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि नवाचार केवल तकनीक नहीं, बल्कि दुनिया को नए नजरिए से देखने का नाम है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे डिज़ाइन थिंकिंग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएँ ताकि विद्यार्थी इस दृष्टिकोण का उपयोग समाज और राष्ट्रहित में कर सकें।
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