नयी दिल्ली , अक्टूबर 31 -- तेजी से बदल रही प्रौद्योगिकी के अनुरूप आधार में बदलाव पर विचार के लिए सराकर ने यूआईडीएआई के अध्यक्ष नीलकंठ मिश्रा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने प्रौद्योगिकी और विनियामक परिदृश्य में तेजी से आ रहे बदलावों के मद्देनजर एक नए 'आधार विजन 2032' फ्रेमवर्क तैयार कर आधार के विकास के अगले दशक को आकार देने हेतु के लिए व्यापक रणनीतिक और प्रौद्योगिकी संबंधी समीक्षा आरंभ की है।

श्री मिश्रा की अध्यक्षता में गठित उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समिति में यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश कुमार, सर्वम एआई के सह-संस्थापक विवेक राघवन, नूतनिक्स के संस्थापक धीरज पांडे, एमओएसआईपी में इंजीनियरिंग के प्रमुख शशिकुमार गणेशन, ट्राइलीगल के पार्टनर राहुल मत्थान, वियानाई सिस्टम्स के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और उत्पाद प्रमुख नवीन बुद्धिराजा, अमृता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर प्रभाकरन पूर्णचंद्रन, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अनिल जैन, आईआईटी जोधपुर में प्रोफेसर मयंक वत्स और यूआईडीएआई के उप महानिदेशक अभिषेक कुमार सिंह को शामिल किया गया है।

इस समीक्षा का उद्देश्य आधार के प्रौद्योगिकी पक्ष को और मजबूत करना, उभरते डिजिटल नवाचारों को शामिल करना और यह सुनिश्चित करना है कि देश का डिजिटल पहचान प्लेटफॉर्म मजबूत, समावेशी हो; भविष्य के लिए तैयार रहे; और साइबर हमलों से निपटने में सक्षम हो।

समिति आधार विजन 2032 दस्तावेज विकसित करेगी, जिसमें देश के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम और गोपनीयता एवं साइबर सुरक्षा के उभरते वैश्विक मानकों के अनुरूप अगली पीढ़ी के आधार ढांचे के लिए रूपरेखा की जानकारी दी जायेगी।

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