रांची, 10अक्टूबर (वार्ता) झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान से 12 अक्टूबर को आदिवासी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के बैनर तले एक विशाल रैली निकाली जाएगी।

यह रैली कुड़मी समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा की मांग के विरोध में आयोजित की जा रही है। मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर यह रैली पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम तक जाएगी, जहां एक बड़े जनसभा का आयोजन किया जाएगा।

इस कार्यक्रम की जानकारी केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की और सामाजिक कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने शुक्रवार को यहां दी।

श्री तिर्की ने कहा कि यह आंदोलन केवल आरक्षण की मांग नहीं है, बल्कि यह आदिवासी अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा का संघर्ष है। उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल को प्रशासनिक सुविधा और जनसहभागिता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अब मोरहाबादी के पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम पर स्थानांतरित किया गया है।

श्री डुंगडुंग ने कहा कि कुड़मी समाज झूठा नैरेटिव फैला रहा है और खुद को राढ़ सभ्यता से जोड़कर आदिवासी पहचान में भ्रम पैदा कर रहा है। उन्होंने ऐतिहासिकप दस्तावेजों के आधार पर स्पष्ट किया कि कुड़मी कभी भी अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल नहीं रहे हैं। इसके बावजूद कुड़मी समुदाय जबरन एसटी दर्जा पाने के लिए आंदोलनरत है, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।

श्री डुंगडुंग ने आरोप लगाया कि कुड़मी नेताओं को केवल चुनाव के समय आदिवासियों की याद आती है, जबकि वे सामाजिक और संवैधानिक संस्थाओं को मानने से इंकार करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य केवल आरक्षण या सुविधाएं लेना नहीं है, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान और सम्मान की रक्षा करना है।

इस अवसर पर कई जाने-माने समाजसेवी और नेता भी मौजूद रहेंगे, जिनमें प्रकाश हंस, दिनेश मुंडा, विजय करमाली, मनोज मुंडा मिट्ठू, रुपलाल मांझी, भोला मुर्मू, बहाराम मुर्मू, सुनिल टूड्डू, गोवरधन मरांडी और सेवा लाल मांझी शामिल रहे।

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