चंडीगढ़ , नवंबर 10 -- हरियाणा के फरीदाबाद में आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े एक बड़े मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पुलिस ने यहां से लगभग 2900 किलो विस्फोटक सामग्री, अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण बरामद किए हैं।

पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया है कि इस मॉड्यूल का संबंध जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से है। इस मामले में अब तक लखनऊ की एक महिला डॉक्टर सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बताया कि कार्रवाई के दौरान फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में 2563 किलो संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया। सुरक्षा एजेंसियों को इसे सुरक्षित स्थान तक ले जाने के लिए ट्रक की व्यवस्था करनी पड़ी। शुरुआती जांच में पुष्टि हुई है कि यह पदार्थ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाला अमोनियम नाइट्रेट है, जिसे आतंकियों की भाषा में "सफेद पाउडर" कहा जाता है।

गिरफ्तार आरोपियों में डॉक्टर आदिल अहमद डार और डॉक्टर मुजम्मिल शकील शामिल हैं। आदिल जम्मू-कश्मीर के कुलगाम का निवासी है और अनंतनाग के जीएमसी में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर पुलवामा निवासी डॉक्टर मुजम्मिल शकील को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया। मुजम्मिल स्थानीय विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षक है।

पुलिस जांच में सामने आया है कि मुजम्मिल ने फतेहपुर तगा गांव में एक मौलवी इस्ताक से मकान किराये पर लिया था। छापेमारी के दौरान वहां से 360 किलो विस्फोटक, 20 टाइमर, वॉकी-टॉकी सेट, असॉल्ट राइफलें, पिस्टलें, 83 कारतूस और दो अतिरिक्त मैगजीन बरामद की गयी।

फरीदाबाद पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि यह सामग्री आरडीएक्स नहीं बल्कि अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि आरोपी श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के एक पुराने मामले में भी वांछित था।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस मॉड्यूल का एक सदस्य डॉ. मुजफ्फर अहमद राथर दो महीने पहले दुबई भाग गया, और आशंका है कि वह अफगानिस्तान या पाकिस्तान में छिपा हो सकता है। पुलिस ने उसके खिलाफ तकनीकी निगरानी शुरू कर दी है।

इसके अलावा लखनऊ की लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार किया गया है। वह लालबाग क्षेत्र की निवासी है और उसकी कार से राइफल और जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। बताया गया है कि गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल इसी वाहन का इस्तेमाल करता था।

पुलिस के अनुसार, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम पिछले 15 दिनों से इस नेटवर्क पर निगरानी रखे हुए थी। अधिकारियों का कहना है कि बरामद सामग्री का उपयोग किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी में किया जा रहा था। सुरक्षा कारणों से हालांकि हमले के संभावित स्थान और उद्देश्य के बारे में फिलहाल जानकारी साझा नहीं की गयी है।

जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क के वित्तीय और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की पड़ताल कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि आगे की कार्रवाई में और गिरफ्तारियां संभव हैं।

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