जम्मू , नवंबर 13 -- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद विकास और मानव कल्याण का सबसे बड़ा दुश्मन है और अगर समाज एकजुट होकर आतंकवाद के समर्थकों और उनकी विचारधाराओं के खिलाफ आवाज नहीं उठायेगा, तो विकास और शांति संभव नहीं है।

श्री सिन्हा ने जम्मू विश्वविद्यालय में विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते कहा कि आतंकवाद को खत्म करना केवल सुरक्षा बलों का काम नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इस बुराई के खिलाफ खड़ा होना होगा। प्रगति, ज्ञान और मानवता की सेवा ही असली जिहाद है। युवाओं को गुमराह करने वाले न केवल अपना भविष्य बल्कि राष्ट्र का भविष्य भी बर्बाद करते हैं।

अपने संबोधन के दौरान, उपराज्यपाल ने दिल्ली के लाल किले के समीप हुए कार विस्फोट में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस त्रासदी से यह सबक लेना चाहिए कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है, इसका कोई धर्म नहीं होता और मानवता की एकता ही इसका सबसे बड़ा जवाब है।

श्री सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद का दंश झेला है, लेकिन अब यहां के युवाओं के सपने बहुत ऊंचे हैं और वे दुनिया के किसी भी युवा से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा, " हमारी युवा पीढ़ी प्रगति के लिए प्रयासरत है। यह ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता के माध्यम से दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। लेकिन आतंकवाद वह जहर है जो इन सपनों को कुचलने की कोशिश करता है।"उपराज्यपाल ने कहा कि विकास और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा, " जब समाज के कुछ तत्व आतंकवाद के आख्यान को बढ़ावा देते हैं, तो ऐसे तत्वों का पर्दाफाश करना हर देशभक्त नागरिक की ज़िम्मेदारी बन जाती है।"सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि समाज भी अपनी जिम्मेदारी समझे और आतंकवाद का समर्थन करने वाले विमर्श को खारिज करे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब शांति और विकास का नया माहौल स्थापित हो रहा है और सरकार प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित और समृद्ध जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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