अमृतसर, नवंबर 18 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने मंगलवार को कहा कि पंजाब इस समय कानून-व्यवस्था, आर्थिक संकट, बेरोजगारी, नशा तस्करी, गैंगस्टरवाद, सीमा पर खतरे और औद्योगिक पलायन जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन आंतरिक समस्याओं के अलावा, बाहरी ताकतों और पाकिस्तान द्वारा असामाजिक तत्वों को धन और लालच देकर पंजाब को अस्थिर करने की लगातार साजिशें भी रची जा रही हैं।

प्रो ख्याला ने कहा कि सोमवार को फिरोजपुर में आरएसएस कार्यकर्ता नवीन अरोड़ा की दिनदहाड़े हुई हत्या भी सांप्रदायिक एकता को तोड़ने की इसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इन सभी चुनौतियों से तभी निपटा जा सकता है, जब केंद्र और राज्य एक टीम के रूप में काम करें, यानी पंजाब में डबल इंजन वाली सरकार बने।

उन्होंने कहा कि 2022 के बाद पंजाब में भाजपा का विस्तार तो हुआ है, लेकिन 2027 में अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति अभी दूर की कौड़ी है। मौजूदा परिस्थितियों में सत्ता परिवर्तन तभी संभव है, जब भारतीय जनता पार्टी किसी मज़बूत क्षेत्रीय पंथक पार्टी के साथ फिर से गठबंधन करे। इसके लिए गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि तरनतारन उपचुनाव के ताज़ा नतीजे साफ़ दिखाते हैं कि पंजाब की राजनीति एक अहम मोड़ पर है। पंजाब के मतदाता अब बदलाव चाहते हैं। 2022 में आम आदमी पार्टी को भारी जनादेश देने के बाद, हर स्तर पर उसकी नाकामी ने लोगों में निराशा और अविश्वास पैदा किया है। उन्होंने कहा कि 1997 का ऐतिहासिक अकाली-भाजपा गठबंधन सिर्फ़ एक चुनावी समझौता नहीं था, यह हिंदू-सिख एकता, आपसी विश्वास और पंजाब की स्थिरता पर आधारित एक बुद्धिमान, दूरदर्शी और वैचारिक गठबंधन था। आज भी, यह दृष्टिकोण पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। केवल ऐसा वैचारिक गठबंधन ही पंजाब की साझी विरासत, सामाजिक सद्भाव और पंजाबी चेतना की सच्ची रक्षा कर सकता है।

प्रो. ख्याला ने कहा कि डबल इंजन मॉडल से विकास परियोजनाओं को केंद्रीय सहायता शीघ्र मिलती है, राजमार्ग, सड़क, हवाई अड्डे, स्वास्थ्य और शिक्षा परियोजनाएं तुरंत स्वीकृत होती हैं और धनराशि भी समय पर मिलती है। सीमा सुरक्षा के लिए केंद्र-राज्य की एक दिशात्मक योजना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन, हथियारों और ड्रग्स की घुसपैठ लगातार बढ़ रही है। ड्रग्स और गैंगस्टर माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई एनआईए, एनसीबी और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान से ही संभव है।

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