आगरा, सितम्बर 30 -- आगरा में पिछले दिनो दलित और जाट पक्ष के बीच विवाद के बाद पीड़ित परिवार से मिलने गिजौली गांव जाने निकले समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधिमंडल को रोके जाने पर पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन पुलिस पर भड़क गये। हालांकि पुलिस के आला अधिकारियों के हस्तक्षेप से मामला सुलटा लिया गया।

दरअसल, गिजौली गांव निवासी रामसेवक और लाखन सिंह का पुराना विवाद है। करीब 15 दिन पहले दोनों के बीच कहा सुनी हुई थीं और दोनो पक्ष के लोग आमने सामने आ गये थे। मामले ने तूल पकड़ लिया और दलित और जाट समुदाय के बीच में तनाव बढ़ गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ कार्यवाही की थी। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल गिजौली गांव जाना चाहता था लेकिन पुलिस ने शांति व्यवस्था का हवाला देकर प्रतिनिधिमंडल को जाने की अनुमति नहीं दी थी।

इसके बावजूद सपा ने प्रतिनिधि मंडल बनाया था जो आज गिजौली गांव में जा रहा था। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व रामजीलाल सुमन कर रहे थे। वह जैसे ही घर के बाहर निकले, पुलिस ने उन्हे रोक दिया। पहले से ही रामजीलाल सुमन के आवास के बाहर भारी पुलिस तैनात करके छावनी में तब्दील कर दिया था। आवास के चारो तरफ पुलिस बैरियर लगा दिए थे ताकि प्रतिनिधि मंडल को रोका जा सके और गांव ना पाएं। पुलिस ने रामजीलाल सुमन के आवास के बाहर नोटिस भी चस्पा किया था।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीन सांसदों और तीन विधायकों समेत 17 लोगों का प्रतिनिध मंडल बनाया था । राज्य सभा सांसद रामजीलाल सुमन के अलावा एटा सांसद देवेश शाक्य और इटावा के सांसद जितेंद्र दोहरे शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल में शामिल कई लोगों को रास्ते में ही रोक लिया गया लेकिन एटा और इटावा के सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर पहुंच गए थे। जैसे ही प्रतिनिधि मंडल रवाना हुआ तो पुलिस ने रोक लिया। करीब तीन घंटे तक पुलिस और सपा नेताओं के बीच काफी गहमा गहमी रही। रामजीलाल सुमन और पुलिस के अधिकारियों के बीच काफी बहस और कहा सुनी हुई।

मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारियों ने पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से मोबाइल के माध्यम से बात कराई और आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया,तब जाकर मामला शांत हुआ।

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