विजयवाड़ा , दिसंबर 19 -- आंध्र प्रदेश के आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना मंत्री नारा लोकेश ने राज्य की प्रमुख आईटी पार्क परियोजनाओं के खिलाफ दायर की गयी जनहित याचिकाओं की तीखी आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस तरह के कदम आंध्र के युवाओं को मिलने वाले रोज़गार के अवसरों को खतरे में डालते हैं।

श्री लोकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ये याचिकाएं टीसीएस, कॉग्निज़ेंट, सत्वा समूह और रहेजा समूह जैसी कंपनियों के खिलाफ दायर की गयी हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिये एक लाख से ज्यादा रोज़गार पैदा कर सकती हैं।

उन्होंने पोस्ट में लिखा, "वाईएसआर कांग्रेस ने टीसीएस, कॉग्निज़ेंट, सत्वा और अब रहेजा आईटी पार्कों के खिलाफ पीआईएल दायर की हैं। ये ऐसी परियोजनाएं हैं जिनसे आंध्रप्रदेश में एक लाख से ज़्यादा नौकरियां मिलेंगी। जगन मोहन रेड्डी, हमारे युवाओं के भविष्य से इतनी नफ़रत क्यों? हर कदम पर आंध्र प्रदेश को बर्बाद क्यों कर रहे हो?"नवीनतम याचिका विशाखापत्तनम में रहेजा कॉर्पोरेशन के प्रस्तावित आईटी पार्क के लिए ज़मीन आवंटन के खिलाफ दायर की गयी है। 'सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन' संस्था से जुड़े याचिकाकर्ता जी. श्रीनिवास राव का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता पोन्नवोलु सुधाकर रेड्डी ने किया।

श्री लोकेश ने कहा कि बड़े निवेशों के खिलाफ बार-बार याचिका दायर करने से निवेशकों को बहुत गलत संकेत जाता है और यह आंध्र प्रदेश के खुद को तकनीक, नवाचार और उच्च-गुणवत्ता वाली रोज़गार के लिये एक प्रमुख जगह के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को कमज़ोर करता है। उन्होंने कहा कि नायडू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पारदर्शी, कानूनी और निवेशक-अनुकूल प्रक्रियाओं के लिए प्रतिबद्ध है, और उन प्रोजेक्टों का मज़बूती से बचाव करेगी जो आजीविका और आर्थिक विकास पैदा करते हैं।

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